अलीगढ़ के मोहम्मद अल्हमद इस्लामिया हाईस्कूल में हिंदू शिक्षकों के साथ भेदभाव करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। स्कूल प्रबंधक का कहना है कि स्कूल में मुस्लिम शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। पीड़ित राहुल ने स्कूल प्रवंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हिंदू दलित शिक्षकों के साथ भेदभाव करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम स्कूल प्रबंधक हिंदू शिक्षकों के साथ भेदभाव करते हैं। दलित हिंदू शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए बताया कि मुस्लिम स्कूल प्रबंधक ने दलित हिंदू अध्यापकों को यह कहते हुए स्कूल से निकाल दिया कि स्कूल में अब सिर्फ मुस्लिम अध्यापक ही रखे जाएंगे। नौकरी से निकाल गए शिक्षकों ने इस भेदभाव को देखते हुए स्कूल प्रबंधक के खिलाफ आवाज उठाई है।
हिंदू शिक्षकों को नौकरी से निकाला
पीड़ित राहुल ने बताया कि वह पिछले तीन वर्षों से अलीगढ़ के शाहजमाल क्षेत्र के तेलीपाड़ा गली नंबर- 5 में स्थित मोहम्मद अल्हमद इस्लामिया हाईस्कूल में शिक्षक के तौर पर नियुक्त है। उन्होंने कहा कि बीते 31 अगस्त को स्कूल खत्म होने के बाद उन्हें और एक अन्य शिक्षक को प्रवीण कुमार को ऑफिस बुलाया गया। जब दोनों शिक्षक ऑफिस पहुंचे तो स्कूल प्रबंधक डॉ. जफरुद्दीन खान ने उनकी सैलरी का हिसाब करत हुए सेवाएं समाप्त करने की बात करने लगे। जिस पर राहुल ने उनसे सवाल किया कि बिना नोटिस अचानक उन्हें क्यों निकाला जा रहा है। जिस पर स्कूल प्रबंधक डॉ. जफरुद्दीन खान ने जवाब देते हुए कहा कि आपको रिप्लेस कर मुस्लिम शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी।
धर्म को वरीयता देने पर आहत हुई भावनाएं
जिसके बाद दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले शिक्षक राहुल भारती ने स्कूल प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठाई है। राहुल का कहना है कि बीएड व टेट की परीक्षा पास कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने और सरकारी नौकरी न लगने के काण वह प्राइवेट नौकरी करने पर मजबूर हैं। उनकी मां भी बीमार रहती हैं। राहुल का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक ने उनकी डिग्रियों और शिक्षा कौशल को अनदेखा कर धर्म को वरीयता दी है। जिस कारण वह काफी निराश हुए हैं।
स्कूल प्रबंधन पर की कार्रवाई की मांग
राहुल के अनुसार, वर्तमान सरकार स्कूल और मदरसों को लेकर एक्शन मोड में नजर आ रही है। बीच सेशन में नौकरी से निकाले जाने के कारण उन्हें नई नौकरी मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राहुल ने मांग करते हुए कहा है कि धर्म विशेष को वरीयता देने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे कि कोई भी स्कूल शिक्षकों को धर्म के आधार पर न आंके। बल्कि उनके शैक्षिक गुणों और डिग्रियों के आधार पर नौकरी दी जाए।
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