सभी भाजपाई मुख्यमंत्री 14 दिसम्बर को पत्नियों संग करेंगे रामलला के दर्शन

Published : Dec 09, 2021, 05:36 PM ISTUpdated : Dec 09, 2021, 05:47 PM IST
सभी भाजपाई मुख्यमंत्री 14 दिसम्बर को पत्नियों संग करेंगे रामलला के दर्शन

सार

सभी भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री 14 दिसंबर कोअयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएंगे। उनके साथ उनकी पत्नियां भी होंगी। सरकार की कोशिश वाराणसी की धार्मिक गरिमा को स्थापित करने के साथ-साथ उसे एक अत्याधुनिक वैचारिक केंद्र के रूप में उभारने की है। भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री और उनकी पत्नियों को रामलला के दर्शन करा कर एक बड़ा संदेश दिया जाएगा।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले काशी कॉरिडोर (Kashi corridor) को मेगा शो बनाने में भाजपा पूरी ताकत से जुटी है। बनारस (banaras) में आने वाले सभी भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएंगे। उनके साथ उनकी पत्नियां भी मौजूद रहेंगी। यह कार्यक्रम 14 दिसम्बर को रखा गया है। सरकार की कोशिश वाराणसी की धार्मिक गरिमा को स्थापित करने के साथ-साथ उसे एक अत्याधुनिक वैचारिक केंद्र के रूप में उभारने की है। कॉरिडोर के लोकार्पण के अगले दिन 14 दिसंबर को भाजपा के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस कार्यक्रम में विशेष रूप से लगने को कहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि काशी के कार्यक्रम के बाद अयोध्या में भाजपा शासित मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री रामलला के दर्शन करेंगे। 

सामाजिक समरसता, अखंडता और एकता का संदेश देंगे भाजपाई
इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP nadda) ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की वर्चुअल बैठक की गयी है। भाजपा के महामंत्री और दिव्य और भव्य काशी के संयोजक तरूण चुग (tarun chung) भी उसमें मौजूद थे। इसमें तय किया गया है भाजपा (BJP) शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री और उनकी पत्नियों को रामलला (ram lala) के दर्शन करा कर एक बड़ा संदेश दिया जाए। वैसे भी अयोध्या में श्रीराममंदिर का निर्माण पिछले एक साल से प्रदेश की सियासत को गरमाए हुए है और लगभग सभी दल के लोग वहां माथा टेक रहे हैं। लेकिन भाजपा इसमें बढ़त बनाएं रखना चाहती है, इसीलिए ऐसे कार्यक्रमों को करने जा रही है। वाराणसी में 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्री काशी विश्वनाथ के दरबार को भक्तों को समर्पित करने के दौरान 18 राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता, अखंडता और एकता का संदेश देंगे। काशी की सांस्कृतिक विरासत में भागीदार बनने के बाद 14 को काशी विश्वनाथ धाम में सभी मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। 

भाजपा एक माह तक मनाएगी आस्था का उत्सव
काशी की उत्सवधर्मिता में सहभागी बनने के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, असम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, गोवा, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुदुचेरी की सरकारों की ओर से 13 दिसंबर के कार्यक्रम में शामिल होने की प्राथमिक सूचना शासन को भेज दी गई है। दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अगले दिन 14 दिसंबर को मंदिर चौक पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होना है। इसमें भाजपा के साथ ही गठबंधन वाले दलों को आमंत्रण भेजा गया है। इसमें 13 दिसंबर को महादेव के भव्य दरबार के लोकार्पण में शामिल होने का बुलावा भेजा जा रहा है। ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री 13 दिसंबर को ही काशी पहुंच रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडार के लोकार्पण के बहाने यूपी सरकार और भाजपा एक माह तक आस्था का उत्सव मनाएगी। चुनाव के मुहाने पर खड़ी भाजपा इस आयोजन के जरिए सरकार की उपलब्धि घर-घर पहुंचाने जा रही है। भाजपा सेक्टर के लिहाज से राज्य में 27700 सेक्टर बनाएं गये हैं। इन्हें शक्ति केन्द्र का नाम दिया गया है।

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