अयोध्या फैसले के दौरान यूपी पुलिस ने किया बेहतरीन काम, किरन बेदी ने किया मैग्सेसे पुरस्कार की मांग

पुडुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरन बेदी ने लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय 47वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या फैसले के दौरान यूपी सरकार और पुलिस ने बेहतरीन काम किया

Asianet News Hindi | Published : Nov 28, 2019 3:48 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh ). पुडुचेरी की उप राज्यपाल डॉ. किरन बेदी ने लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय 47वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या फैसले के दौरान यूपी सरकार और पुलिस ने बेहतरीन काम किया। यूपी पुलिस को इसके लिए मैग्सेसे पुरस्कार मिलना चाहिए। डॉ. बेदी लखनऊ के नए पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय 47वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के शुभारंभ के मौके पर बोल रहीं थीं। 

यूपी की राजधानी लखनऊ में 22 वर्षों के बाद ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में देशभर के पुलिस अधिकारी, समाजशास्त्री और विशेषज्ञ इकट्ठा हैं, जो पुलिस को मिल रहे संसाधनों और बेहतर तकनीक के बारे में चर्चा करेंगे। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन गुरूवार दोपहर गोमतीनगर विस्तार स्थित डीजीपी मुख्यालय के अवनि प्रेक्षागृह में पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ.किरण बेदी ने किया । 29 नवंबर शुक्रवार को समापन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट होंगे।

कुम्भ मेले के सफल आयोजन के बाद पूरी दुनिया में हुआ है यूपी पुलिस का नाम
पुडुचेरी की उप राज्यपाल व पूर्व आईपीएस डॉ किरन बेदी ने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन से यूपी पुलिस का दुनिया भर में सम्मान बढ़ा है। उनका प्रदर्शन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यूपी में पुलिस को बेहतर नेतृत्व व संसाधन मिल रहा है। इन सबके बीच यूपी पुलिस की कार्यशैली में निखार आया है। 

बीट पुलिसिंग में अफसरों को भी लेना चाहिए हिस्सा 
डॉ किरन बेदी ने कहा कि कानून व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए बीट पुलिसिंग का आज भी कोई विकल्प नहीं है। इस व्यवस्था में कांस्टेबल को जिम्मेदार बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे बेहतरीन कांस्टेबल को चुनना चाहिए। बीट पुलिसिंग में अफसरों को भी हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि इसके बिना अपराध रोकना संभव नहीं है। डॉ. किरन बेदी ने कार्यक्रम में शोधपत्रों की पुस्तिका का भी विमोचन किया जिसमें पूर्व में किए गए 29 शोधपत्रों को भी जगह दी गई है।

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