CAA हिंसा में पुलिस की बर्बरता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, योगी सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते दिनों नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता और लाठीचार्ज के आरोपों पर योगी सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने न्यूज पेपर्स में छप रही ऐसी घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 9:54 AM IST

प्रयागराज (Uttar Pradesh). इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते दिनों नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता और लाठीचार्ज के आरोपों पर योगी सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने न्यूज पेपर्स में छप रही ऐसी घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगा है। 

क्या है पूरा मामला
मुंबई के एक वकील अमित कुमार द्वारा ईमेल के जरिए भेजे गए लेटर पर खुद ही संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 16 जनवरी की डेट तय की है। जानकारी के मुताबिक, वकील द्वारा भेजे गए लेटरर में न्यूयॉर्क टाइम्स और द टेलीग्राफ में छपी खबरों का हवाला दिया है, जिसमें यूपी पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बर बर्ताव करने का आरोप लगाया गया है। देश की छवि पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर जिसमें मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में बच्चों की निर्मम पिटाई का हवाला दिया गया है।

क्या है मुजफ्फरनगर के मदरसा का मामला
उत्तर प्रदेश के मुज्फ्फरनगर में एक मदरसा अचानक चर्चा में आ गया है। इस मदरसे में इस्लामी तालीम लेने वाले छात्रों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जबन मदरसे में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की। पीड़ित छात्रों का कहना है कि पुलिस ने बंदूक की बट से उनको पीटा और जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए। घटना 20 दिसंबर की बताई जा रही है। छात्रों ने डर की वजह से इस बारे में अपना मुंह बंद रखा था लेकिन अब वह खुलकर सामने आए और पूरा घटनाक्रम बता दिया। छात्रों ने बताया कि, पुलिस जबरन मदरसे में घुसी और छात्रों को लाठी से पीटना शुरू कर दिया।

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