यूपी के अमरोहा जिले में दबंगों से परेशान होकर एक परिवार अपना गांव छोड़ने को मजबूर हो गया। इस परिवार को इलकौता बेटे की हत्या एक महीने पहले ही हुई थी, जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक पुलिस ने नहीं दी तो कार्रवाई तो बहुत दूर की बात है।
अमरोहा: उत्तर प्रदेश के जिले अमरोहा में एक परिवार अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गया है। एक तरफ पूरे देश में आजादी के 75वीं साल को जश्न के साथ मना रहे है तो वहीं दूसरी ओर आदमपुर थाने के गांव निवासी इकलौते बेटे की हत्या से भयभीत होकर अपने ही गांव से पलायन कर रहा है। बीते छह जुलाई को गांव हाजीपुर निवासी महीपाल सिंह के बेटे नरेश का शव जगंल में शीशम के पेड़ से लटका मिला था। इस तरह से बेटे का शव मिलने से परिजनों में कोहराम मच गया था। वहीं मृतक गांव निवासी विजेंद्र का ट्रैक्टर चलाता था।
पुलिस ने मामले को शांत कराकर शव का कराया था पोस्टमार्टम
मृतक के पिता का आरोप है कि ट्रैक्टर चालक विजेंद्र सिंह पर मजदूरी के रुपए निकल रहे थे और मजदूरी न देने पर घटना से दो दिन पहले ही उसने ट्रैक्टर की हैरो कवाड़े में बेच दी थी। इसी वजह से जितेंद्र और नरेश में मारपीट भी हुई थी। उसके बाद विजेंद्र गांव के ही अपने दोस्त के साथ चालक नरेश को किसी काम से अनूपशहर ले गया था। पर घर से जाने के तीन घंटे बाद नरेश का शव गांव के पड़ोस में एक खेत में पेड़ पर लटका मिला था। इस मामले में स्वजन ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगाम किया था। पुलिस ने परिजनों को समझाकर मामला शांत करवा दिया और शव को पोस्टमार्टम कराया।
दूसरे समाज के लोग घर आकर करते गाली-गलौज
बेटे की मौत पर पिता का आरोप यह भी है कि खड़गवंशी बाहुल्य गांव में उनका अकेला घर है। यहां पर आए दिन दूसरे समाज के लोग घर पर आकर गाली-गलौज करते हैं। बेटे की हत्या के बाद जवान बेटी भी सुरक्षित नहीं है। इस मामले में पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने आगे कहा कि जो तहरीर थाने में दी थी वह पुलिस ने काटकर फेंक दी थी। इसके साथ ही खाली पेपर पर उनके अंगूठे लगावकर पुलिस ने नई तहरीर बनाई थी और बेटे की हत्या के बाद आज तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गई है। इसी वजह से गुरुवार को वह घर का ताला बंदकर गांव से पलायन कर रहे है। इस मामले में थाना प्रभारी रामप्रकाश शर्मा का कहना है कि पलायन की कोई जानकारी नहीं है।
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