प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था 'माध्यम' की ओर से हर वर्ष देश के ख्यातनाम व्यंग्य रचनाकारों को दिए जाने वाले प्रतिष्ठित अट्टहास शिखर सम्मान की घोषणा कर दी गई है। वर्ष 2020 के लिए अट्टहास शिखर सम्मान ख्यात व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय को और अट्टहास युवा सम्मान व्यंग्यकार अनुज खरे को दिया जाएगा।
लखनऊ। प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था 'माध्यम' (Madhyam) की ओर से हर वर्ष देश के ख्यातनाम व्यंग्य रचनाकारों को दिए जाने वाले प्रतिष्ठित अट्टहास शिखर सम्मान (Attahas Shikhar Samman) की घोषणा कर दी गई है। वर्ष 2020 के लिए अट्टहास शिखर सम्मान ख्यात व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय को और अट्टहास युवा सम्मान व्यंग्यकार अनुज खरे को दिया जाएगा। वहीं, वर्ष 2019 के लिए अट्टहास शिखर सम्मान वरिष्ठ व्यंग्य नाटककार पद्मश्री दयाप्रकाश सिन्हा को और अट्टहास युवा सम्मान लखनऊ के पंकज प्रसून को दिया जाएगा।
कोरोना के वजह से पैदा हुई परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए विगत 2 वर्षों से इन प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा नहीं हो पाई थी। अब इन सम्मानों की घोषणा एक साथ की गई है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले इन रचनाकारों को 2 जनवरी 2022 को दिल्ली के हिंदी भवन में सम्मान से नवाजा जाएगा।
निधन से पहले कोहली लगा गए मुहर
माध्यम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कप्तान सिंह और महासचिव अनूप श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि सम्मान के लिए उपयुक्त व्यंग्यकारों का चयन करने वाली समिति में पद्मश्री अशोक चक्रधर, डॉ ज्ञान चतुर्वेदी और इस वर्ष अप्रैल माह में दिवंगत हुए डॉक्टर नरेंद्र कोहली जैसे बड़े नाम शामिल हैं। 2019 साल के शिखर सम्मान और युवा सम्मान के लिए उपयुक्त नामों की अनुशंसा तो नरेंद्र कोहली जी ने अपने निधन से पहले ही कर दी थी। निर्णायक समिति ने बस उनके निर्णय पर सहमति व्यक्त कर दी। निर्णायक समिति के सदस्यों में सुभाष काबरा (मुंबई), सुभाष चंदर (उत्तर प्रदेश), डॉ स्नेह लता पाठक (छत्तीसगढ़), अरुण अर्णव खरे (कर्नाटक), राम किशोर उपाध्याय (दिल्ली) और माध्यम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कप्तान सिंह व महासचिव अनूप श्रीवास्तव पदेन सदस्य के तौर पर शामिल थे।
व्यंग्यकारों में प्रतिष्ठा का पर्याय है 'अट्टहास '
उल्लेखनीय है कि साहित्यिक संस्था 'माध्यम' द्वारा वर्ष 1990 में इन पुरस्कार को दिए जाने की शुरुआत की गई थी। उस वर्ष ख्यात रचनाकार मनोहर श्याम जोशी व जाने माने व्यंग्यकार शरद जोशी को इस सम्मान से नवाजा गया था। उसके बाद से यह सम्मान साहित्य जगत में प्रतिष्ठा का दूसरा नाम बन गया। इसे पाने वालों में हुल्लड़ मुरादाबादी, श्रीलाल शुक्ल, शैल चतुर्वेदी, अशोक चक्रधर, केपी सक्सेना, सुरेंद्र शर्मा सहित कई अन्य बड़े हास्य-व्यंग्य रचनाकारों का नाम शामिल हैं।