हेरिटेज सिटी बनेगी अयोध्या, डेढ़ साल पहले कोर्ट में केस के चलते यूनेस्को ने कर दिया था रिजेक्ट

रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद से अयोध्या नगरी की सूरत बदलने की तैयारी जोरो पर है। यहां धार्मिक विरासतों और ऐतिहासिक स्थानों के चलते इसे वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित करने की मांग शुरू गई है। इसके लिए यूनेस्को (unesco) को आवेदन भी कर दिया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2019 5:00 AM IST / Updated: Nov 22 2019, 01:25 PM IST

अयोध्या (Uttar Pradesh). रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद से अयोध्या नगरी की सूरत बदलने की तैयारी जोरो पर है। यहां धार्मिक विरासतों और ऐतिहासिक स्थानों के चलते इसे वर्ल्ड हेरिटेज सिटी घोषित करने की मांग शुरू गई है। इसके लिए यूनेस्को (unesco) को आवेदन भी कर दिया गया है। बता दें, अभी तक देश के दो शहरों अहमदाबाद व जयपुर को हेरिटेज सिटी घोषित किया गया है। 

देश में कितने हेरिटेज शहर
काशी और अयोध्या को हेरिटेज सिटी घोषित करने के लिए कोशिशें शुरू हो गईं हैं। हेरिटेज सिटी घोषित होने के बाद यहां के प्राचीनतम स्थान विश्व धरोहर घोषित हो जाएंगे। जिसके बाद इन्हें संजोने व संरक्षित करने के लिए विश्व स्तर पर कोशिश की जाएगी। बता दें, काशी के कुछ स्थान पहले ही हेरिटेज लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। 

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क्या होता है हेरिटेज सिटी का मानक

- मानव इतिहास में महत्व
- सांस्कृतिक परम्परा के अनुरूप विकास
- विश्व के इतिहास में दर्ज चीजों की उपस्थिति
- सार्वभौमिक महत्व की घटनाओं के साथ जुड़ाव
- जैव विविधता के लिए मौजूद प्राकृतिक आवास
- मानव रचनात्मक प्रतिभा
- महत्वपूर्ण पारिस्थितिक और जैविक प्रक्रियाओं की उपलब्धता
- प्राचीनतम समय से मानव जीवन और निपटान के प्रमाण 

बता दें, अयोध्या हेरिटेज सिटी बनने के लिए सभी मानकों को पूरा कर रहा है। जबकि हेरिटेज सिटी बनने के के लिए तय मापदंडो में से 4 या 5 मापदंड पूरा करने वाले विश्व के कई शहरों को हेरिटेज सिटी माना गया है। 

कोर्ट में केस चलने के कारण यूनेस्को ने किया था रिजेक्ट
अयोध्या को हेरिटेज सिटी बनाने के लिए यूनेस्को को तकरीबन डेढ़ साल पहले आवेदन किया गया था। लेकिन उस समय सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमे के कारण आवेदन निरस्त कर दिया गया था। उस समय यूनेस्को ने तर्क दिया था कि अयोध्या में मौजूद प्राचीनतम धरोहरें किसकी और किस काल की हैं पहले ये स्पष्ट होना चाहिए। इसके आलावा कोर्ट में विवादित स्थानों को कैसे शामिल किया जा सकता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद फिर से अयोध्या को हेरिटेज सिटी बनाने की मांग तेज हो गई है। इसके लिए डॉ मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के वीसी आचार्य मनोज दीक्षित ने प्रयास शुरू कर दिया है।

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