
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हुई है। लेकिन, एक महिला उम्मीदवार के नाम के कारण विवाद खड़ा हो गया है। वजह इस लिस्ट में अर्चना तिवारी ने बाजी मारी है, जबकि उनकी मार्कशीट में कैटिगरी ओबीसी लिखी हुई है। आजमगढ़ के एक गांव से ताल्लुक रखने वाली अर्चना की मार्कशीट सोशल प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गई है। सभी सवाल उठा रहे हैं कि जो उम्मीदवार नाम से जनरल कैटिगरी का हो, उसका सिलेक्शन ओबीसी कैटिगरी में कैसे हो गया? मार्कशीट वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।
परिवार ने किया ये दावा
इस मामले पर अर्चना के परिवार ने दावा किया है कि वे लोग गोसाईं हैं और गोसाईं ओबीसी में आते हैं, टाइटल तिवारी है। लेकिन, वो लोग ओबीसी हैं। अर्चना तिवारी ने 10वीं-12वीं यूपी बोर्ड से की है। जहां 10वीं में उनके 600 में से 419 मार्क्स आए थे। वहीं, कक्षा 12वीं में उन्होंने 500 में से 394 मार्क्स हासिल किए थे। उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। ग्रेजुएशन में अर्चना को 1800 में से 1170 मार्क्स मिले हैं। इसके बाद उन्होंने इसी कॉलेज से बीएड का कोर्स किया है। अर्चना तिवारी प्राइमरी यूपीटीईटी में शामिल हुईं, जिसमें उन्हें 150 में से 115 मार्क्स मिले हैं।
प्रश्नों को लेकर उठा है सवाल
दो जून को ही सहायक शिक्षकों के 69000 पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई थी। लेकिन, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षकों के घोषित रिजल्ट में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाए थे। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। बता दें कि दो जून को ही सहायक शिक्षकों के 69000 पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई थी।
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