भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण की गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा अनायास नहीं है। संगठन ने इसकी तैयारी बीते अगस्त महीने में ही शुरू कर दी थी। बीते 7 अगस्त को गोरखपुर आए, चंद्रशेखर ने पादरी बाजार में कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे जल्दी ही यहां लौटेंगे।
अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चुनाव का रोमांच बढ़ता जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditiyanath) के बाद अब उनके खिलाफ भीम आर्मी के चन्द्रशेखर आजाद उर्फ रावण (Chandrashekhar azad) ने भी ताल ठोक दी है। रावण के आने से किसी को परेशानी हो ना हो लेकिन बसपा (BSP) की टेंशन जरूर बढ़ गई है। बसपा का एक वोट बैंक है, जो इस पार्टी को किसी भी हाल में मिलता रहा है। अचानक गोरखपुर सदर (Gorakhpur Sadar seat) से रावण के आने से अब बसपा अपने वोट बैंक को कैसे सहेजे ये परेशानी उसके सामने आ खड़ी हुई है। वहीं गोरखपुर में ये भी चर्चा हो रही है कि सपा (SP) योगी के खिलाफ रावण को कैंडिडेट ना खड़ा कर दे क्योंकि जनता रावण को ही सपोर्ट करेगी। सपा के सपोर्ट के बाद रावण भी योगी को अच्छे से चुनौती दे पाएंगे। नहीं तो गोरखपुर से योगी के सामने किसी का भी टिक पाना मुश्किल है।
रावण के आने से बसपा के साथ ही सपा की भी टेंशन बढ़ गई है। हर पार्टी का मानना है कि कम समय में लाइम लाइट में आने वाले रावण चुनाव अच्छा लड़ेंगे। वहीं सपा को साल 2017 का विधानसभा चुनाव भी याद है, जब गोरखपुर में कांग्रेस, सपा का गठबंधन भी भाजपा के सामने नहीं टिक पाया था। भाजपा (BJP) प्रत्याशी तब योगी नहीं डॉ. राधा मोहन थे, जो रेकॉर्ड वोटों से विजयी हुए थे। इस बार तो खुद योगी आदित्यनाथ चुनाव मैदान में हैं, ऐसे में रावण के आने पर वोट का बंटवारा सपा, बसपा, कांग्रेस (Cogress) के लिए चिंता का विषय बन गया है।
अगस्त में ही गोरखपुर आने की बात कह गए थे चंद्रशेखर
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण की गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा अनायास नहीं है। संगठन ने इसकी तैयारी बीते अगस्त महीने में ही शुरू कर दी थी। बीते 7 अगस्त को गोरखपुर आए, चंद्रशेखर ने पादरी बाजार में कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे जल्दी ही यहां लौटेंगे।
आत्महत्या करने वाली छात्रा के परिजनों से मिलने आए थे रावण
पूर्वांचल के गोरखपुर-बस्ती मंडल में भीम आर्मी का संगठन अभी बहुत सक्रिय नहीं है, लेकिन इस संगठन के कर्ताधर्ता चंद्रशेखर आजाद को जानने वालों की संख्या ठीक-ठाक है। बीते अगस्त में पादरी बाजार क्षेत्र की रहने वाली और गोरखपुर विश्वविद्यालय की एक छात्रा की आत्महत्या का मामला गर्माया था। उस दौरान चंद्रशेखर आजाद छात्रा के परिजनों से मिलने अचानक गोरखपुर आ गए। साथ ही कहा था कि वे गोरखपुर में पहली बार जरूर आए हैं, लेकिन उनका यह अंतिम दौरा नहीं है।
शहर और ग्रामीण इलाके में ले रहे भीम आर्मी की सदस्यता
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शशिभूषण शाका बताते हैं कि संगठन ने तभी से तैयारी शुरू कर दी। शहर के सभी मोहल्लों में अपना नेटवर्क बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी कार्यकर्ता बनाए गए हैं। संगठन विधानसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साहित है। संस्थापक अध्यक्ष के गोरखपुर से चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने और जोर-शोर से तैयारी प्रारंभ कर दी है। सोशल मीडिया से जुड़ा संगठन भी सक्रिय कर दिया गया है। संगठन के जिला सचिव विक्की राखी मंडल, अध्यक्ष अविनाश निगम, संजय राणा रविंद्र सिंह गौतम का कहना है कि भीम आर्मी गोरखपुर में काफी मजबूत स्थिति में है और संगठन यहां के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए सभी जरूरी उपाय कर रहा है।
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