यूपी की सियायत में 1964 को अयोध्या विधानसभा झेत्र का जन्म हुआ। बाद में अयोध्या, गोसाईगंज, बीकापुर, रुदौली और मिल्कीपुर को मिलाकर अयोध्या में 5 विधानसभाएं हुई। एक लंबे अंतराल के बाद पहली बार वर्ष 1985 को रुदौली से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कमरून निशान और निर्मला ने दम भरा। कमरून को 1052 और निर्मला को 125 वोट पा कर संतोष करना पड़ा। 1996 में भूमि जोतक समूह से गायत्री देवी ने विधानसभा चुनाव लड़ा और वे केवल 414 वोट ही पाई।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: उत्तरप्रदेश का अयोध्या संसदीय झेत्र जहां 5 विधानसभाएं है। लगभग सभी सीटों पर पुरुषों की हनक चली है। चुनाव में मंचों से सभी पार्टियां महिलाओं को बराबरी से हक दिलाने की बात करती है, लेकिन चुनाव आते ही टिकट बटवारें के समय दल आधी आबादी को भूल जाते है या कहिये इन पर भरोसा नही करते। जिससे चुनाव में केवल पुरुष ही दिखाई पड़ते है। यह तब है जब पार्टियां महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण देने का दम भरती हैं। बाद में केवल जिला स्तर के चुनाव जैसे जिला पंचायत और नगर निगम में पार्षद के चुनाव में रबर स्टैम्प की तरह प्रयोग की जाती रही है । लेकिन सूबे की बड़ी पंचायत में टिकट पाना दूर की कौड़ी है। हालांकि इस बार अभी तक पार्टियों ने अपने पूरे पत्ते सही तौर पर नही खोलें है। कांग्रेस ने जिले की 3 विधानसभा सीटों में टिकट बांटा है जिसमे एक मिल्कीपुर सीट से नीलम कोरी पर दांव लगाया है।
छोटे दलों का रेकॉर्ड देख कर बड़े दलों ने खीचें हाथ
यूपी की सियायत में 1964 को अयोध्या विधानसभा झेत्र का जन्म हुआ। बाद में अयोध्या, गोसाईगंज, बीकापुर, रुदौली और मिल्कीपुर को मिलाकर अयोध्या में 5 विधानसभाएं हुई। एक लंबे अंतराल के बाद पहली बार वर्ष 1985 को रुदौली से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कमरून निशान और निर्मला ने दम भरा। कमरून को 1052 और निर्मला को 125 वोट पा कर संतोष करना पड़ा। 1996 में भूमि जोतक समूह से गायत्री देवी ने विधानसभा चुनाव लड़ा और वे केवल 414 वोट ही पाई। 1996 में मिल्कीपुर से NMNP पार्टी राजकुमारी ने 328 वोट पाई। फिर कई वर्षों बाद 2012 के चुनाव में मानवतावादी समाज पार्टी से अर्चना सिंह लड़ी लेकिन ये भी महज 924 वोट ही पा सकी। इसी वर्ष गोसाईगंज से अपना दल से माधुरी सिंह ने 3582, मौलिक अधिकार पार्टी से संगीता को 294 राष्ट्रीय लोकमंच से शालिनी को 393 और मौलिक अधिकार पार्टी से संगीता को 294 वोट मिले। 2007 में जनमोर्चाा दल से सुधा सिंह को 929 वोट मिले थे। 2007 में अपना दल से सरिता सिंह नेे टिकट पा कर 39573 वोट बटोरीं । 2017 में रालोद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वर्गीय मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी शोभा सिंह को भाजपा नेेे बीकापुर से टिकट दिया और वे जीती।