Inside Story: फैशन ट्रेंड बनी केसरिया रंग की शॉल, रातों-रात बढ़ गई डिमांड

Published : Jan 26, 2022, 06:23 PM ISTUpdated : Jan 26, 2022, 06:29 PM IST
Inside  Story: फैशन ट्रेंड बनी केसरिया रंग की शॉल, रातों-रात बढ़ गई डिमांड

सार

खंदक बाजार हैंडलूम वस्त्र व्यपारी संघ के महामंत्री अंकुर गोयल ने बताया कि भाजपा के ज्यादातर नेता को केसरिया रंग पसंद है और चुनाव की घोषणा होने के बाद केसरिया शॉल की डिमांड लगातार आ रही है। आम सालों में केसरिया शॉल की कम बिक्री थी लेकिन अब मार्किट में काफी डिमांड है।

अनमोल शर्मा
मेरठ:
2022 चुनाव घोषणा होने के बाद बाजार में केसरिया रंग के शॉल की डिमांड बढ़ गयी है। जहां एक साल में 100-200 केसरिया रंग के शॉल भी नहीं बिक पाते थे वहीं अब एक महीने में हजार से ऊपर शॉल बिक चुकी हैं। भाजपा के नेताओं और प्रत्याशियों में काफी डिमांड है और अब ये फैशन ट्रेंड भी बनता जा रहा है।

एक महीने में 3 हजार तक बिके केसरिया शॉल
मेरठ का खंदक बाज़ार और बजाजा बाज़ार थोक मार्किट है और यहां से ही पूरे मेरठ और आसपास के जिलों में शॉल का व्यापार चलता है। चुनावो की घोषणा होने के बाद केसरिया शॉल की डिमांड बढ़कर 2 हजार से 3 हजार तक पहुँच गयी है। इसके इलावा केसरिया अंगौछे, पटके, चादर, नेहरू जैकेट, महिला सूट की बिक्री भी बढ़ी है।

कई साइज और क्वालिटी में आते हैं केसरिया शॉल
केसरिया शॉल गुजरात से पूरे देश मे सप्लाई होती है। शॉल के अलग अलग क्वालिटी जैसे कॉटन,सिथेंटिक, वुलेन, केशमिलोन है। सबसे ज्यादा डिमांड इस समय कॉटन और वुलेन की चल रही है। वही, अगर शॉल के साइज की बात की जाए तो पौने दो मीटर से लेकर 3 मीटर के शॉल मार्किट में इस समय उपलब्ध हैं,  जिसकी कीमत 250-1000 रुपये तक है।

भाजपा प्रत्याशियों की है पहली पसंद
भाजपा के विधानसभा प्रत्याशी जैसे संगीत सोम, सोमेंद्र तोमर, सत्यवीर त्यागी, कमल दत्त शर्मा की केसरिया शॉल पसंद बना हुआ है और चुनाव प्रचार में अक्सर इन प्रत्याशियों को केसरिया शॉल ओढ़े देखा गया है। हाल ही में मेरठ आए गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत में केसरिया शॉल ओढ़ाकर किया गया था।

खूब बढ़ी डिमांड
खंदक बाजार हैंडलूम वस्त्र व्यपारी संघ के महामंत्री अंकुर गोयल ने बताया कि भाजपा के ज्यादातर नेता को केसरिया रंग पसंद है और चुनाव की घोषणा होने के बाद केसरिया शॉल की डिमांड लगातार आ रही है। आम सालों में केसरिया शॉल की कम बिक्री थी लेकिन अब मार्किट में काफी डिमांड है।
 

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