
अनुज तिवारी
वाराणसी: 2014 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुजरात के विकास मॉडल पर सवार होकर वाराणसी आए थे। मोदी काशी के सांसद बने और प्रधानमंत्री (PM) की कुर्सी पर आसीन हुए। पीएम जब काशी की संस्कृति व सभ्यता से मिलते जुलते जापान के प्राचीन शहर क्योटो गए तब देश मे काशी को क्योटो तर्ज़ पर विकास की चर्चा तेज हुई थी। यही नहीं कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मोदी वाराणसी लेकर आए। पीएम ने बनारस में विकास की नींव रखनी शुरू की। वाराणसी से सांसद बनने के बाद जब देश के प्रधानमंत्री बने तो 2014 से 2021 तक मोदी क़रीब 30 बार वाराणसी आ चुके है। और जब भी वे अपने संसदीय क्षेत्र आए है तो करोड़ों की सौगात देकर गए है। इसके अलावा भी वे कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्षेत्रवासियों के साथ संवाद और विकास कार्यों की शुरुआत कर चुके हैं।
2014 से 2017 तक का विकास का सफर तेज रहा लेकिन 2017 में जैसे ही उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी (BJP) की सरकार आई तब डबल इंजन की सरकार ने विकास के कामो की रफ़्तार बढ़ा दी। वाराणसी में 7 सालों में कई बदलाव देखने को मिल रहा है।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है तो कई योजनाए आकार ले चुकी है
2014 से 2021 तक सात सालों में लगभग 310 योजनाएं लोकार्पित हुई है जो क़रीब 1,58,95,28 लाख में ( 1 खरब ,58 अरब ,95 करोड़ ,28 लाख रुपए)। वहीं 23 दिसंबर 2021 तक 162 योजनाएं का शिलान्यास किया जा चुका है। जिसकी लागत लगभग 41,74,13.51 लाख ( 41अरब 74 करोड़ 13 लाख ) है। पूर्वांचल के कई जिलों में दशकों से लंबित योजनाएं भी पूर्ण होकर लोकार्पित हो चुकी है। जो आने वाले समय में पूर्वांचल के विकास को गति प्रदान कर रही है।
ये प्रमुख विकास काशी में हुए
काशी विश्वनाथ धाम ,स्वास्थ्य,शिक्षा,चिकित्सा,पेयजल,पर्यटन,यातायात,गंगा,घाट,रिंग रोड ,राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण ,फ्लाईओवर ,आवास ,शौचालय जैसे कई काम हुए है जिससे वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों का जीवन सरल और सुगम हुआ है।
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