असीम अरुण ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर काम करने वाले हैं। समाज के हर वर्ग के सम्मान के लिए मेहनत करेंगे। नहीं पहन पाऊंगा आलमारी की सबसे पसंदीदा ड्रेस अपनी पोस्ट में असीम अरुण ने इस बात पर दुख भी जाहिर किया कि वे अब पुलिस की वर्दी दोबारा नहीं पहन पाएंगे। उन्होंने कहा कि अपने साथियों से विदा लेते हुए वचन देता हूं कि इस वर्दी के सम्मान के लिए सबसे आगे खड़ा मिलूंगा।
कानपुर: सालों से प्रशासनिक सेवा में कार्यरत जाने-माने आईपीएस अधिकारी असीम वरुण का VRS स्वीकार कर लिया गया है। बस कुछ औपचारिकताओं के बाद असीम 15 जनवरी को IPS के पदभार से रिटायर हो जाएंगे। आपको बता दें कि सेवानिवृत्त होने के बाद असीम अरुण बीजेपी (BJP) से कन्नौज की सुरक्षित सदर सीट से वो विधानसभा चुनाव (Vidhabsaha chunav) भी लड़ सकते हैं। शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए असीम अरुण ने बताया था कि उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से बीजेपी ज्वाइन करने का ऑफर मिला है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि उन्हें इस काबिल समझा गया। वे अब अपना पूरा अनुभव राजनीति में लगाना चाहते हैं। असीम अरुण ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर काम करने वाले हैं। समाज के हर वर्ग के सम्मान के लिए मेहनत करेंगे। नहीं पहन पाऊंगा आलमारी की सबसे पसंदीदा ड्रेस अपनी पोस्ट में असीम अरुण ने इस बात पर दुख भी जाहिर किया कि वे अब पुलिस की वर्दी दोबारा नहीं पहन पाएंगे। उन्होंने कहा कि अपने साथियों से विदा लेते हुए वचन देता हूं कि इस वर्दी के सम्मान के लिए सबसे आगे खड़ा मिलूंगा।
कानपुर में पुलिस कमिश्ननर थे असीम अरुण
एडीसी रैंक के असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। तीन अक्टूबर 1970 को इनका जन्म बदायूं में हुआ था। इनके पिता श्री राम अरुण की गिनती भी प्रदेश के तेजतर्रार आइपीएस में होती थी। उन्होंने प्रदेश के डीजीपी का पद भी संभाला था। असीम अरुण की मां शशि अरुण जानी-मानी लेखिका हैं। इन्होंने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया है। आईपीएस असीम अरुण ने सिविल सर्विसेज में हाथ आजमाया। इसका कारण था कि पिता इन्हें अपनी तरह आइपीएस अफसर ही बनते हुए देखना चाहते थे। आइपीएस अफसर बनने के बाद असीम अरुण धीरे-धीरे यूपी पुलिस की रीढ़ बनते गए।
यूपी में 10 फरवरी को पहले चरण का चुनाव
कोरोना थर्ड वेव की आशंका के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने को लेकर अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी के चलते चुनाव आयोग ने आज पीसी कर चुनाव संबंधित महात्वपूर्ण जानकारी दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा। गैरकानूनी पैसे-शराब पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। पैसे के दुरूपयोग पर ज़ीरो टॉलरेंस, गैर कानूनी पैसे और शराब पर नज़र रहेगी। यूपी में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होगा, 10 फरवरी से 7 मार्च तक यूपी मे सात चरणों मे चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। वही 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा।
रैली, रोड शो और पदयात्रा की अनुमति नहीं
डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें चुनाव पार्टियां। 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। 40 लाख ही उम्मीदवार चुनाव खर्च कर पाएंगे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि जीत के बाद जश्न या विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। डोर टू डोर कैंपने के लिए पांच लोगों की ही इजाजत रहेगी। कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।