गोरखनाथ मंदिर में हुए हमले में आरोपी ने जिस धारदार हथियार का प्रयोग किया था, उसे सिद्धार्थनगर जिले के अलीगढ़वा से प्रयुक्त हथियार खरीदने की चर्चा है। ऐसे में एसएसबी व पुलिस की संयुक्त टीम बॉर्डर पर वाहनों व आवागमन करने वाले लोगों की जांच कर रही है। संदिग्धों के पहचान की पुष्टि होने के बाद ही उन्हें जाने दिया जा रहा है।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले को लेकर आरोपित अहमद मुर्तजा का कनेक्शन सिद्धार्थनगर जिले में मिला है। इसके आधार पर सुरक्षा एजेंसियों ने दो युवकों को पकड़े जाने की चर्चा है। लेकिन पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टी नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने जिन दो आरोपियों को पकड़ा है उनसे पूछताछ के दौरान पता चला कि वह नेपाल के लुम्बिनी से ककरहवा होते हुए अलीगढ़वा पहुंचा। उसने वहीं से हमले में प्रयुक्त हथियार को खरीदा था। उसके बाद वह गोरखपुर चला गया। उसने मंदिर के प्रमुख गेट पर तैनात दो पीएसी के सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। इसकी जानकारी के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। बार्डर क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के साथ प्रशासन और एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। संदिग्धों के पहचान की पुष्टि होने के बाद ही उन्हें जाने दिया जा रहा है। सभी उच्च अधिकारी सीमा क्षेत्र की गतिविधियों पर निगाहे बनाए हुए हैं।
राज्य के इन शहरों पर भी पुलिस की निगाहें
एसपी यशवीर सिंह ने बताया कि आरोपी युवक का अलीगढ़वा के रास्ते सीमा में प्रवेश की संभावना पर कार्य हो रहे हैं। हमले में प्रयुक्त हथियार उसने कहां से खरीदा और जिले का अन्य कौन लोग शामिल है इसकी जांच हो रही है, अभी कोई जानकारी नहीं है। गोरखनाथ मंदिर में हमले की कोशिश के बाद सीमा क्षेत्रों पर विशेष निगाह रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि जितने भी संदिग्ध व्यक्तियों से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। नेपाल बार्डर एरिया से जुड़े थानों को सघन जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं। पुलिस बस्ती, संतकबीरनगर और महराजगंज सीमा से जुड़े क्षेत्रों में पुलिस को संदिग्धों पर निगाह रखने को भी कहा गया है। इतना ही नहीं मंदिर में लगे सीसीटीवी भी पुलिस प्रशासन के लिए मददगार हो सकते है। पुलिस और एसएसबी ने ककरहवा, अलीगढ़वा, बढ़नी, खुनुवा बार्डर पर सीसीटीवी लगाए हुए हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सभी के फुटेज खंगाले जा सकते हैं।
जरूरत पड़ने पर बाहर से भी साक्ष्य जाएंगे जुटाए
आपको बता दें कि सोमवार को लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्य सचिव गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा था कि इसे आतंकी घटना कहा जा सकता है। इतना ही नहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि शाम लगभग सात बजे एक व्यक्ति मंदिर के गेट नंबर एक पर धारदार हथियार से हमला किया और धार्मिक नारे लगाए। धार्मिक स्थलों पर पहले से हमले का अलर्ट था। पुलिस की सतर्कता से हादसा टला है लेकिन दो जवानों को गंभीर चोटें आईं। इस हमले को लेकर जरूर कोई बड़ी साजिश रची गई थी।
अवनीश अवस्थी ने कहा था कि गोरखनाथ मंदिर में पुलिस के जवानों पर जो हमला हुआ है वह साजिश का हिस्सा है। इसको आतंकी घटना कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना की जांच यूपी एटीएस को दी गई है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ एक साथ काम करेंगे। जिन तीन जवानों ने घटना को विफल किया, गोपाल गौड़, अनिल पासवान और अनुराग राजपूत को 5 लाख रुपए नकद इनाम देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि इसके लैपटॉप-मोबाइल में जो भी जानकारी मिली है उसकी गंभीरता से जांच की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर प्रदेश के बाहर से भी साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
Inside Story: गोरखपुर का गोरक्षनाथ मंदिर, जानिए नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े मठ की पूरी कहानी