यूपी की रामनगरी अयोध्या में जमीन से जुड़ें विभागों पर शासन ने आंखे तरेरी है। इसको लेकर जल्द ही बड़े स्तर पर अवैध कॉलोनियों को साफ करने की तैयारी प्रशासन की ओर से है। पर वहीं दूसरी ओर कई प्रकार के प्रशन भी सामने देखने को मिल रहे है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: पिछले दिनों अयोध्या सांसद लल्लू सिंह द्वारा रामनगरी में जमीनों की खरीद-फरोख्त की जांच SIT से जांच कराने का मांग पत्र योगी आदित्यनाथ को सौंपा था। इसके बाद मामला गर्म हुआ। कुछ दिन बाद फिर एकाएक 40 अवैध कॉलोनियों की लिस्ट देर रात लीक हो गई। जिसमें जिले के कुछ कद्दावर जन जनप्रतिनिधियों के नाम शामिल होने के बाद विपक्ष ने पूरे मामले को मुद्दा बना लिया और मीडिया में खबरें सुर्खियां बन गई। इसके बाद प्रश्न ये भी उठने लगा जब अवैध कॉलोनियां बन रही थी तब जमीन से जुड़े विभाग जैसे विकास प्राधिकरण, राजस्व, नजूल और तहसील से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी कहां थे। अवैध जमीनों पर निर्माण का खेल कई दशकों से चल रहा है। मामले में कई अफसरों की संलिप्तता के बिना इतने बड़े खेल को खेला जाना मुमकिन नहीं था।
किरकिरी के बाद शासन ने तरेरी आंखें, जल्द शुरू होगा अभियान
सूत्रों के मुताबिक अयोध्या में अवैध जमीन खरीद-फरोख्त के मामले को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। शासन स्तर के अधिकारियों को पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसी के बाद अब अयोध्या परीक्षेत्र में हुए अवैध निर्माण स्थलों को नए सिरे से चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक रामनगरी का सेटेलाइट नक्शा बनाया गया है। उसी के आधार पर अवैध जमीनों का चिन्हांकन किया जा रहा है।
तीन दशक पहले ही भू -माफियाओं ने जल स्त्रोतों पर कर लिया कब्जा
लगभग तीन दशक से अधिक समय से अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा है। दर्जनों जलस्रोत यानी कुंड और सागर को समतल कर बेच दिया गया। अब यहां लोग घर बनाकर कई वर्षों से रह रहे हैं। सप्तसागर पर तो सैकड़ों लोगों ने घर बना रखा है। अब मामला तूल पकड़ने के बाद अधिकारी पुरानी फाइलों से धूल को हटाकर फिर से रिकॉर्ड खंगालने में जुट गए हैं। सूत्र के मुताबिक कुंड, तालाब और सागर पर हुए अवैध निर्माण को जल्द ही हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसमें सैकड़ों लोगों के बेघर होने की आशंका है। इस बात की जानकारी लोगों को होने के बाद हड़कंप मचा है। इस कार्रवाई की जद में आने वाले सैकड़ों लोगों ने न्यायालय की शरण में जाने की योजना बनाई हैं। स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार विशाल गुप्ता कहते हैं कि पिछले तीन दशक से स्थानीय अखबारों में कुंड और सरोवर भू- माफियाओं द्वारा जमींदोज करने की खबरें छपती रहीं। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा समय-समय पर आवाज में भी उठाई जाती रही है। उसके बावजूद अधिकारी कुंभकरण की नींद सोते रहे। अब जब लोगों ने अपने सपनों के घर को बना लिया तो उसे तोड़ने की तैयारी की जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी अगर अपनी जेबें भरने में न जुटते तो आज लोगों को ये दिन न देखना पड़ता।
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