मंदिर मस्जिद विवाद के लिए पूरे विश्व में चर्चा का विषय रह चुके शहर अयोध्या में कई ऐसे भी स्थान हैं जो इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं। ऐसा ही एक स्थान है अयोध्या की जिला जेल। इसी जेल में देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणो को कुर्बान करने वाले अशफाक उल्ला खां को अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गई थी
अयोध्या(Uttar Pradesh ). मंदिर मस्जिद विवाद के लिए पूरे विश्व में चर्चा का विषय रह चुके शहर अयोध्या में कई ऐसे भी स्थान हैं जो इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं। ऐसा ही एक स्थान है अयोध्या की जिला जेल। इसी जेल में देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणो को कुर्बान करने वाले अशफाक उल्ला खां को अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गई थी। अब यह स्थान पर्यटन के रूप में विकसित होगा इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।
अशफाक का शहादत स्थल अयोध्या जिला कारागार के अंदर है।काकोरी काण्ड के बाद अशफाक उल्ला खां को 19 दिसंबर 1927 को अंग्रेजों द्वारा फैजाबाद जिला जेल के भीतर फांसी दे दी गई थी। तब से इस बैरक का नाम आज भी अशफाक उल्ला खां के नाम से ही जाना जाता है। इस स्थान को अब एक पर्यटन की तरह विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है।
जेल अधीक्षक ने पर्यटन विभाग को भेजा पत्र
अयोध्या के जेल अधीक्षक बृजेश कुमार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को जेल मुख्यालय ने पर्यटन विभाग को भेज दिया है। अब पर्यटन मुख्यालय और शासन को इस पर अंतिम निर्णय लेना है। सुंदरीकरण के साथ ही शहादत स्थल पर काकोरी कांड के शहीदों से जुड़े साहित्य भी पढ़ने को मिलेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि इस प्रोजेक्ट पर शासन से मंजूरी मिलती है तो आने वाले दिनों में यह पर्यटकों की आवाजाही का मुख्य केंद्र बन सकता है।
जेल प्रशासन की मांग पर उपलब्ध कराई जाएंगी शहीद अशफाक से जुडी चीजें
क्रांतिकारियों पर शोध करने वाले अयोध्या के समाजसेवी व फिल्म निर्माता शाह आलम ने अशफाक से जुड़े दस्तावेज जेल प्रशासन को मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है। उनके मुताबिक लखनऊ जेल म्यूजियम में काकोरी कांड के महानायकों से जुड़े दस्तावेज उन्होंने उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक की ओर से मांग होते ही अशफाक की जेल डायरी, टेलीग्राफ, अखबार की कतरन, सप्लीमेंट्री काकोरी केस फाइल आदि दस्तावेज व पुस्तक भेंट कर दी जाएगी।