अयोध्या में वैशाख शुक्ल नवमी को मां सीता का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान मध्यान्ह में 12 बजते ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। इस बीच बधाई गान कर श्रद्धालु जमकर थिरकते नजर आए।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: वैशाख शुक्ल नवमी यानी 10 मई को मां सीता का जन्मोत्सव राम नगरी के मंदिरों में मनाया गया। नवमी को मध्यान्ह 12 बजते ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। बधाई गान पर श्रद्धालु खूब थिरके। इससे पहले भोर से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई। श्रद्धालु सरयू में स्नान कर मंदिरों में हो रहे पर्व और विशेष अनुष्ठान शामिल हुए। इस बार राममंदिर में विशेष तौर पर आम का भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। इसी के साथ कनक भवन ,जानकी महल, सतगुरु सदन गोलाघाट, झुनकी घाट, श्री रामबल्लभाकुंज, वैदेही भवन, राम हर्षण कुंज सहित सैकड़ों मंदिरों में जन्मोत्सव पर उत्सव का माहौल चरम पर रहा।
माता सीता की कुल देवी की निकली शोभायात्रा
माता सीता की कुल देवी माता गौरी का मंदिर प्रसिद्ध छोटी देवकाली है। मंदिर में 9 दिन पहले से विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं । यहां पर फूल -बंगले की झांकी सजा कर 1051 बत्ती की आरती की गई। गाजे- बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा भी निकाली। यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। यह यात्रा पिछले दो साल बाद निकाली गई थी। कोविड संक्रमण को देखते हुए पिछले आयोजनों को सीमित किया गया था।।
बधाई गान से गुंजायमान होते रहे मंदिर
रामनगरी में जानकी नवमी पर्व पर हफ्ते भर से देवी मंदिरों सहित प्रमुख मठ मंदिरों में विभिन्न कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं । मंदिरो में सुबह से ही विशेष पूजा अनुष्ठान के शुरू हो गए। संत व श्रद्धालु जनक सुता जग जननि जानकी, अति सय प्रिय कर करुणानिधान की आदि भजन गाकर भक्ति के समुद्र में गोते लगाते रहे। मंदिरों का समूचा परिसर जानकी माता और श्री राम की जय के नारों से गूंजता रहा। सेवा और उपासना का केंद्र जानकी महल में खास तौर पर आयोजन किए गए थे।
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