रामनगरी में करीब दो साल बाद दीपोत्सव पर्व के मौके पर पीएम मोदी अयोध्या में होंगे। इस दौरान वह रामलला के दरबार में पहला दीपक जलाकर दीपोत्सव का आगाज करेंगे। अयोध्या में 20 हजार करोड़ की कई छोटी -बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त 2020 को रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का शुभारंभ करने के लगभग दो वर्ष बाद 23 अक्टूबर को एक बार फिर अयोध्या में होंगे। वह रामलला के दरबार मे दीपोत्सव का पहला दीप जलाकर अयोध्या के विकास की स्वर्णिम आभा को वैश्विक क्षितिज पर आलोकित भी करेंगे। भूमि पूजन के बाद शुरू हुई राम मंदिर निर्माण यात्रा गर्भगृह को आकार देने की ओर अग्रसर है। राम मंदिर के साथ ही अयोध्या में शुरू हुए लगभग 20 हजार करोड़ की विभिन्न छोटी -बड़ी परियोजनाओं पर भी तेज गति से कार्य हो रहा है। बता दें कि पीएम मोदी की दीपोत्सव पर मौजूदगी में 2024 मकर संक्रांति पर्व तक रामलला के भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजित करने तक अयोध्या को विकास के विभिन्न आयामों से सुसज्जित कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने के रूप में देखा जा रहा है।
हजारों करोड़ की विभिन्न योजनाओं की गति को लगेंगे पर
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद अयोध्या में विकास की शुरू हुई चर्चाएं मोदी के भूमि पूजन के साथ ही आकार लेने लगी हैं। अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र व प्रदेश स्तर पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर विभिन्न योजनाओं पर कार्य शुरू हुआ है। 1425 एकड़ परीक्षेत्र में नब्य अयोध्या को वैदिक पद्धति से धरातल पर उतारने की योजना को मूर्त रूप देने कवायत चल रही है। बता दें कि अयोध्या देश की वह पहली धर्मस्थली होगी जहां 80 से अधिक देशों के धार्मिक दूतावास बनाए जाएंगे। इसके साथ ही देश के 30 राज्यों के अतिथि गृह भी बनाए जाने की योजना है। अयोध्या को त्रेतायुगीन माहौल देने के साथ ही आधुनिकता के ढांचे भी खड़ा जाएगा। इनमें तीन सितारा से लेकर पांच सितारा होटलों सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वाराणसी के तर्ज पर सरयू में क्रूज पर सवार हो पर्यटकों को मंदिरों का दर्शन कराने की भी योजना है।
84 कोस की परीक्षेत्र तक अयोध्या को विस्तार देकर होंगे विकास के कार्य
राम मंदिर की तर्ज पर लगभग 350 करोड रुपए की लागत से निर्मित हो रहे अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन के पहले चरण का कार्य पूरा होने को है। देश-विदेश के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की अयोध्या से सीधी कनेक्टिविटी बनाने के लिए श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी पहले फेज का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। मोदी के विजन 84 कोस की अयोध्या के आर्थिक विकास की घोषणाओं की दृष्टि से 84 कोसी परिक्रमा पथ को फोरलेन मार्ग के रूप में विकसित करने की कवायत जोरों पर है। परिक्रमा पथ निर्माण के बाद चौरासी कोस के क्षेत्र में स्थित ऋषि -महर्षि के तपस्थलियों को भी वैदिक स्वरुप देने की योजना है। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ देश- विदेश से उमड़ने वाली लाखों की भीड़ के मद्देनजर सुविधाओं को विकसित करने के कार्य जगह- जगह शुरू कर पूरे किए जाने के साथ कई योजनाएं पाइप लाइन में है। समय-समय पर सीएम योगी आदित्यनाथ योजनाओं की मॉनिटरिंग करने राम नगरी पहुंचते हैं। दीपोत्सव पर्व पर पीएम मोदी की होने वाली मौजूदगी अयोध्या में चल रही विभिन्न परियोजनाओं को गति देने वाली होगी। 2024 में गर्भगृह के निर्माण होने के साथ और रामलला के दर्शन शुरू होने के पूर्व अयोध्या अंतरराष्ट्रीय फलक पर विकास की दृष्टि से दिखने लगेगी।
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