
अयोध्या: उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है। इसके लिए मंदिर में गर्भगृह में दरवाजे और चौखट के निर्माण के लिए लकड़ी का चयन भी किया जा चुका है। जिसमें 12 से अधिक दरवाजे होंगे और इनको सौगान की लकड़ी से बनाया जाएगा। रामलला के गर्भगृह के दरवाजों और खिड़कियों में लगने वाली सौगान की लकड़ी महाराष्ट्र से लाई जाएगी। मंदिर निर्माण में लगभग 500 से ज्यादा बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जा चुके हैं और गर्भगृह के निर्माण लगभग 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
हर महीने होती है मंदिर निर्माण को लेकर बैठक
रामलला मंदिर निर्माण के लिए आने वाले दिनों में पिलर को लगाए जाने का काम तेजी के साथ शुरू होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव के अनुसार भगवान रामलला के गर्भगृह अष्टकोणीय होगा। इतना ही नहीं गर्भगृह के अंदर मकराना के उच्च क्वालिटी के सफेद मार्बल का प्रयोग किया जाएगा, जिस पर सेल्फ नक्काशी भी की जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर निर्माण के कार्य की बागडोर संभाले हुए हैं। मंदिर की प्रगति और चुनौतियों को हल करने के लिए निर्माण कार्य में लगी संस्था और भवन निर्माण समिति की बैठक हर महीने की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे और भवन निर्माण के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा पीएमओ को दी जाती है।
10 पिलर लगने के बाद मीडिया को ले जाएंगे अंदर
मंदिर निर्माण कार्य दिसंबर साल 2023 तक पूरा जाए, इसके लिए तेजी से काम जारी है। मंदिर को बनाने में 500 से अधिक कारीगर लगे हुए हैं। इतना ही नहीं सिर्फ रामलला के गर्भगृह के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के तरासे गए पत्थरों को लगाने के लिए 150 से ज्यादा विशेषज्ञ कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। चंपत राय ने बताया कि बंसी पहाड़पुर के नक्काशी किए हुए 500 से ज्यादा पत्थर रामलला के गर्भगृह में लगाए जा चुके हैं। उनके मुताबिक मंदिर निर्माण 40% तक पूर्ण हो चुका है। चंपत राय ने कहा कि रामलला के गर्भ गृह में 10 खम्भों के निर्माण के बाद मीडिया को रामलला के मंदिर निर्माण की प्रगति को साझा करने के लिए परिसर में भी ले जाया जाएगा।
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