राम जन्म भूमि की कार्यशाला और बंसी पहाड़पुर की कार्यशाला से पत्थर पहुंच रहे हैं। बता दें कि ट्रस्ट ने 2023 तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा है। चबूतरे निर्माण की तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी की है।
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण का काम जोरों से चल रहा है। लोक सभा चुनाव से पहले मंदिर बनकर तैयार होना है। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के चरण में चबूतरे निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है। चबूतरा निर्माण का कार्य अंतिम दौर में है। गर्भ ग्रह स्थल के आसपास रामलला का चबूतरा बलुआ पत्थरों से बनाए जा रहा है। अब इसके ऊपर रामलला के मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला में तराश कर रखे गए पत्थरों को लगाया जाएगा।
2023 तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य
राम जन्म भूमि की कार्यशाला और बंसी पहाड़पुर की कार्यशाला से पत्थर पहुंच रहे हैं। बता दें कि ट्रस्ट ने 2023 तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरा करने का लक्ष्य रखा है। चबूतरे निर्माण की तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी की है।
नींव के ऊपर मंदिर के अधिष्ठान का निर्माण हो रहा
रामजन्मभूमि पर निर्माणाधीन राम मंदिर की दर्शनीयता बढ़ती जा रही है। मंदिर निर्माण की शुरुआत गत वर्ष 15 जनवरी को ही हो गई थी। चार सौ गुणे तीन सौ फीट के विस्तृत परिक्षेत्र में 40 से 50 फीट की गहराई तक बनी नींव व्यापक निर्माण कार्य का सबब थी, किंतु निर्माण के साथ ही वह सतह के नीचे विलीन होती गई। अब जबकि नींव के ऊपर मंदिर के अधिष्ठान का निर्माण हो रहा है, तो प्रत्येक दिन के साथ निर्माण की तस्वीर पुख्ता होती जा रही है। अधिष्ठान 21 फीट ऊंचा और सात लेयर में संयोजित है।
अभी भले ही दो लेयर का निर्माण हुआ है, किंतु ग्रेनाइट से आच्छादित होकर राम मंदिर का अधिष्ठान अपनी आभा बिखेरने लगा है। वह हिस्सा भी ग्रेनाइट से आच्छादित हो भविष्य की स्वर्णिम संभावना का संकेत दे रहा है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसी स्थल पर श्रीराम ने युगों पूर्व जन्म लिया था। राम मंदिर के केंद्रीय आगार के रूप में इसी स्थल पर रामलला का दिव्य गर्भगृह निर्मित होगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि इसी वर्ष के मध्य तक अधिष्ठान निर्माण का काम पूर्ण कर लिया जाएगा। तदुपरांत पहले से तराश कर रखी गईं शिलाएं भव्य मंदिर के आकार में शिफ्ट की जाने लगेंगी। ट्रस्ट की योजना दिसंबर 2023 तक रामलला को मूल गर्भगृह में स्थापित करने की है।
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