कई जज से उलझे, तीखी बहस की, कॉलेज लाइफ में बिल्कुल अलग थे अयोध्या मामले पर मुस्लिम पक्ष के ये वकील

4 अगस्त 1946 को जन्में राजीव धवन ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज और लंदन यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की। साल 1992 से लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी। सीनियर वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के साथ भी काम कर चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2019 4:31 AM IST / Updated: Nov 09 2019, 12:21 PM IST

यूपी/अयोध्या. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, लेकिन कोर्ट में अंतिम सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन काफी चर्चा में हैं। उन्होंने कोर्ट रूम में हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश की गई एक किताब का नक्शा फाड़ दिया था। यही नहीं, कोर्ट में बहस के दौरान ये कई बार भड़क भी जाते थे। hindi.asianetnews.com आज आपको इस मुस्लिम पक्षकार के वकील के बारे में बताने जा रहा है।

कौन हैं राजीव धवन

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4 अगस्त 1946 को जन्में राजीव धवन ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज और लंदन यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की। साल 1992 से लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी। सीनियर वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के साथ भी काम कर चुके हैं। 1994 से बाबरी मस्जिद केस पर काम कर रहे हैं। इनकी गिनती देश के सबसे वरिष्ठ वकीलों में होती है। ये सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हैं, साथ ही ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और इंटरनेशनल कमिशन ऑफ ज्यूरिस्ट के कमिश्नर भी हैं। उन्होंने कानून पर कई किताब भी लिखी हैं। एक जानकारी के मुताबिक, ये अब तक 27 किताबें लिख चुके हैं। इनके पिता शांति स्वरूप धवन भी एक वकील थे, बाद में जज भी बने। यूनाइटेड किंगडम में भारत के हाईकमिश्नर और बंगाल के गवर्नर पद को भी संभाल चुके हैं।

कोर्ट में जज से भिड़ जाते हैं धवन, ऐसी थी कॉलेज लाइफ

राजीव अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं। कई बार बहस के दौरान ये जजों से भी उलझ चुके हैं। 2013 में 2G मामले की सुनवाई के समय जस्टिस जीएस. सिंघवी से इनकी तीखी बहस हो गई थी। इसके बाद 2014 में जस्टिस केएस. राधाकृष्णन और जस्टिस खेहर से भी बहस हुई थी, लेकिन आपको शायद ही पता हो कि सख्त मिजाज के राजीव कॉलेज के समय नाटक के शौकीन थे। इलाहाबाद में उन्होंने कई नाटक डायरेक्ट किए और उनमें एक्टिंग भी की। ज्यादातर नाटक शेक्सपीयर के थे।

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