रामपुर उपचुनाव से पहले ही ध्वस्त हुआ आजम खां का किला, जानिए क्या थी बीजेपी की पूरी रणनीति

रामपुर उपचुनाव से पहले ही सपा नेता आजम खान का किला ध्वस्त हो चुका है। उनके कई करीबी लोग पार्टी का किनारा करके भाजपा में शामिल हो चुके हैं। आजम खान के मीडिया प्रभारी शानू के बाद दो और करीबी नेता पार्टी को छोड़ दिए है। 

रामपुर: उत्तर प्रदेश के जिले रामपुर में उपचुनाव से पहले ही आजम खां का किला ध्वस्त हो चुका है। उनके तमाम सहयोगी सपा से किनारा कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसी के साथ यह पहली बार है जब चुनाव में आजम खां के परिवार का कोई सदस्य प्रत्याशी नहीं है। जाहिर तौर पर इसे आजम खां के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी ने मानसिक तौर पर आजम खां को यहां बड़ी चोट देने में सफलता हासिल की है। वहीं सपा के आसिम रजा को सपा का टिकट दिए जाने के बाद आजम खान के समर्थक भी बागी तेवर दिखा रहे हैं। प्रभावशाली माने जाने वाले तुर्क बिरादरी के मतदाताओं में भी समाजवादी पार्टी से नाराजगी है। इन सबके बीच भाजपा को रामपुर का किला फतह करने की आस दिख रही है।

शहर में है करीब ढाई हजार तुर्क मतदाता
रामपुर सीट के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाने हैं और वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है। मुस्लिम समुदाय की तुर्क बिरादरी समाजवादी पार्टी का कट्टर वोटर रही है लेकिन इन दिनों यहीं तुर्क बिरादरी आजम खान और समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही है। मुस्लिम समुदाय की तुर्क बिरादरी समाजवादी पार्टी का कट्टर वोटर रही है लेकिन इन दिनों यही तुर्क बिरादरी आजम खान और समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही है। इस बिरादरी के लोगों का कहना है कि सपा और आजम खान ने वोट तो लिए लेकिन जब भागीदारी देने का वक्त आया तब तुर्कों को नरअंदाज कर दिया गया। बताते चले कि शहर में करीब 25 हजार और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब ढाई लाख तुर्क मतदाता बताए जा रहे हैं। 

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मीडिया प्रभारी के बाद दो और नेताओं ने छोड़ी पार्टी
मुस्लिम समुदाय की तुर्क बिरादरी जो हमेशा आजम खान के पीछे चट्टान की तरह खड़ी रही थी और वह उन्हें लेकर नाराजगी जताती नजर आ रही है। रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम राजा से तुर्क वोट छिटकता नजर आ रहा है। तुर्क बिरादरी से आने वाले रामपुर के नेता मुन्ना मशहूर ने सबसे पहले बगावत का बिगुल फूंका। उनका आरोप है कि आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में हारे उम्मीदवार पर दांव लगाया है। इसके अलावा आजम के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान शानू के बीजेपी में शामिल होने के बाद दो और नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया।  

जुल्म, तानाशाही, भ्रष्टाचार से तंग आ चुके है प्रत्याशी
ट्रांसपोर्ट ताहिर के बाद लोहिया वाहनी के जिलाध्यक्ष रह चुके मोईन पठान ने भी सपा को अलविदा कह दिया। उनका कहना था कि उपचुनाव में टिकट मांग रहा था लेकिन टिकट नहीं मिला। उनकी उपेक्षा से मन टूट गया है। उन्होंने आगे कहा कि वह हर चुनाव में पार्टी के लिए ताकत लगाता था और टिकट मिलता तो आजम की इज्जत और बना देता। मोईन पठान वहीं हैं, जिन्होंने बुरे समय में आजम खान का साथ नहीं छोड़ा था। दूसरी ओर पूर्व मंत्री नवेद मियां का कहना है कि सपा छोड़ने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है। आजम खान के जुल्म, तानाशाही, ज्यादती और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके लोग सपा प्रत्याशी को हराने में जुट गए हैं। इस उपचुनाव में आजम के साथ उनका साया भी नहीं बचेगा। 

रामपुर उपचुनाव से ठीक पहले ही क्यों आजम खां के समर्थकों में जग रहा है भाजपा प्रेम

रामपुर उपचुनाव: आजम खां को फिर लग सकता है बड़ा झटका, कई करीबी नेताओं पर है भाजपा की नजर

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