
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से मात खाने के बाद बसपा फिर से संगठन को खड़ा करने के लिए जुटी है। संगठन को फिर से तैयार करने के लिए बसपा वालंटियर फोर्स (बीवीएफ) काम करेगी। मायावती ने नए सिरे से बीवीएफ समितियों का गठन करने के लिए कहा है। इस कड़ी में ही 28 अप्रैल तक हर जिले में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया जाना है।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी को फिर से मजबूत करने और पुरानी टीम को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई है। बसपा को सबसे ज्यादा चिंता अपने कॉडर वोटबैंक बचाने को लेकर है। यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा का पुराना परंपरागत वोट भी टूटा। उसे बड़ी संख्या में कॉडर वोटर का भी साथ नहीं मिला। चिंता यह है कि अपेक्षित परिणाम न आने से निराश बसपा को यह डर सता रहा है कि किसी उसका वोटर खिसक न जाए। इसको रोकने के लिए ही बीवीएफ को सक्रिय किया गया है।
जिलेवार एक संयोजक और दस सहसंयोजक होंगे
बीवीएफ में एक संयोजक और 10 सहसंयोजक बनाए जाएंगे। 11 सदस्यीय इस टीम में मुख्य संगठन में जिलाध्यक्ष, विधानसभा सचिव और तमाम अन्य पदाधिकारी भी चुनने को प्राथमिकता मिलेगा। यही समिति कॉडर कैंपो की मॉनिटरिंग भी करेगी।
जोन स्तर पर हाल ही में बदली गई है जिम्मेदारी
बीएसपी की ओर से हाल ही में जोन स्तर पर व्यवस्थाओं को समाप्त करते हुए सीधे मंडल प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। बसपा का मानना है कि बड़े पदों की बजाए अब हर जिलों में मंडल पर सीधे पदाधिकारियों को लोगों से कनेक्ट करने की व्यवस्था हो। जिससे निचले स्तर तक पार्टी के संदेश को पहुंचाया जा सके।
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