गरीब छात्रों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएगा काशी हिंदू विश्वविद्यालय, इस खास स्कीम की मिलेगी आर्थिक सहायता

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जो छात्र ग्रेजुएशन में एडमिशन लेगा उसको ग्रेजुएशन से पोस्ट ग्रेजुएशन तक विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए विवि देगा। जो 5 सालों में कुल 60 हजार ऋण के तौर पर विद्यार्थियों को मिलेगा। इस योजना के शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय ने दिशा निर्देश जारी करते हुए बीपीएल कार्ड धारक और उन छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा जो कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके हैं। 

अनुज तिवारी 
वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने गरीब छात्रों के हित में एक खास स्कीम लांच की है। इस स्कीम में छात्रों को सात हजार तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रति छात्र 12 हजार प्रति वर्ष की मदद विश्वविद्यालय करेगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जो छात्र ग्रेजुएशन में एडमिशन लेगा उसको ग्रेजुएशन से पोस्ट ग्रेजुएशन तक विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए विवि देगा। जो 5 सालों में कुल 60 हजार ऋण के तौर पर विद्यार्थियों को मिलेगा।

कोरोनाकाल में अनाथ होने वाले छात्रों को मिलेगा लाभ
इस योजना के शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय ने दिशा निर्देश जारी करते हुए बीपीएल कार्ड धारक और उन छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा जो कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके हैं। करीब 1000 स्टूडेंट को इस योजना का लाभ दिया जाएगा अगले बरसे इसे दोगुना कर दिया जाएगा यानी अगले साल कुल 2000 छात्रों को इस योजना का सीधा फायदा मिल सकेगा।

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नौकरी लगने के बाद चुकाना होगा ऋण
इस योजना को विस्तार में बताते हुए बच्चों के डीन ऑफ स्टूडेंट प्रोफ़ेसर कौशलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बीएचयू प्रशासन ने इस साल से इस स्कीम को लांच किया है। जिसके तहत विद्यालय में दाखिला लेने वाले छात्रों को 12 हजार वार्षिक मदद की जाएगी। लेकिन विश्वविद्यालय ने एक अनोखा शब्द भी रखा है। जिसमें विश्वविद्यालय का सख्त है कि जवाब की पढ़ाई पूरी हो जाएगी। उसके बाद आप नौकरी करेंगे तो विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए पैसे को वापस करना होगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट इसका फायदा उठा सकें। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि छात्रों को पैसे वापस के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा।

चयनित 1000 विद्यार्थियों को मिलेगा इस योजना का लाभ
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के कहा है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने छात्रों से ही है और विश्वविद्यालय प्रशासन बीएचयू में शिक्षा पूरी करने में छात्रों को सहायता करने के लिए हर संभव क़दम उठाएगा। कुलपति जी ने कहा है कि विद्यार्थियों के कल्याण में उनकी आर्थिक स्थिति रोड़ा नहीं बननी चाहिए। वित्तीय सहायता ऋण योजना विश्वविद्यालय की इसी प्रतिबद्धता का मूर्त रूप है। उन्दोने कहा कि विद्यार्थियों को ये वित्तीय सहायता ब्याजमुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका वे काशी हिन्दू विश्वविदयालय में अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात तथा रोज़गार मिलने पर भुगतान कर सकेंगे। फिलहाल 1000 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा, जिसके लिए तकरीबन 200 आवेदन आए हैं, और इनमें से 103 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है। प्रो. के. के. सिंह, छात्र अधिष्ठाता, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, के अनुसार अधिक विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ पंहुचाने के लिए जल्द ही एक और आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी।

 जो विद्यार्थी पहले से ही किसी और एजेंसी से आर्थिक मदद पा रहे हैं, उनके आवेदन पर उतनी राशि हेतु विचार किया जाएगा, जिससे कि यह 12000 रुपये से अधिक न पंहुचे। लाभार्थी विद्यार्थियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को उनकी फीस से लिंक नहीं किया जाएगा। रोज़गार पाने के बाद विद्यार्थियों को इस ऋण को दो वर्ष में किश्तों के रूप में भुगतान के लिए कहा जाएगा। इस ऋण के भुगतान की ज़िम्मेदारी न तो लाभार्थी विद्यार्थी के माता/पिता और न ही उसके आवेदन की अनुशंसा करने वाले संकाय सदस्यों की होगी।

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