बांदा: दलित महिला से दुष्कर्म व हत्या के मामले में आरोपी ने काटी सजा, 12 साल बाद हुआ दोष मुक्त

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक दलित महिला के कथित दुष्कर्म एवं हत्या मामले में 12 साल से जेल में बंद आरोपी को सोमवार शाम दोष मुक्त कर दिया। मुख्य लीगल एडवोकेट मूलचंद्र कुशवाहा ने आरोपी मुलायम सिंह की पैरवी की। 

Asianet News Hindi | Published : May 17, 2022 9:16 AM IST / Updated: May 17 2022, 03:15 PM IST

बांदा: उत्तर प्रदेश के जिले बांदा की एक विशेष अदालत ने एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म एवं हत्या मामले के आरोप में 12 साल की जेल काटने के बाद अदालत ने दोष मुक्त करते हुए बरी कर दिया है। यह फैसला लगभग 12 साल बाद आया है। सोमवार की शाम दोष मुक्त कर आरोपी को रिहा कर दिया गया है। इसकी जानकारी मुख्य कानूनी अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को दी है। बबेरू के एक गांव में अनुसूचित जाति की महिला 28 जुलाई 2010 को सुबह खेत गई थी, फिर नहीं लौटी। देर शाम परिजनों ने तलाश शुरू की तो खेत में उसका शव मिला। 

महिला का शव खेत में हुआ था बरामद
मुख्य कानूनी अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा ने बताया कि बबेरू कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में अनुसुचित जाति का महिला का शव खेत में बरामद हुआ था। जिसके मृतका के पति चंद्र किशोर ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के बाद पत्नी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। कुशवाहा के मुताबिक, पुलिस ने जांच के दौरान बदौसा थाना क्षेत्र के पौहार गांव निवासी मुलायम सिंह यादव नामक व्यक्ति को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। उन्होंने बताया कि यादव पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद है, क्योंकि जेल में उससे न तो कोई कभी मुलाकात करने पहुंचा, न ही किसी ने कभी जमानत के लिए उसकी पैरवी की।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दायर होगी याचिका
कुशवाहा के अनुसार मुख्य कानूनी अधिवक्ता होने के नाते यादव की पैरवी की और अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने सोमवार शाम सुनाए गए फैसले में आरोपी को दोष मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि यादव को अदालत ने निर्दोष करार दिया है। पुलिस ने उसे गलत तरीके से फंसाया था। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि यादव के मानवाधिकारों का हनन हुआ है। उसे इंसाफ दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की जाएगी। दोनों पक्षों की सुनवाई और सुबूतों आदि के बाद सोमवार को विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) ने आरोपी को दोष मुक्त कर दिया।

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