बरेली ट्रिपल मर्डर के मुख्य आरोपी सुरेश प्रधान के पहले के कई किस्से भी लोगों के बीच चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। आरोपी विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है और हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद ही उसने अपना ठिकाना बदला था।
बरेली: फरीदपुर थाना क्षेत्र के कटरी की जमीन पर कब्जे को लेकर हुई गोलीबारी का मुख्य आरोपी सुरेश पाल सिंह तोमर उर्फ सुरेश प्रधान फरीदपुर कोतवाली क्षेत्र का पुराना हिस्ट्रीशीटर है। बदायूं जाकर उसने सफेदपोश का चोला ओढ़ लिया है। वहां जाकर उसने बिल्सी विधानसभा से महान दल से चुनाव में दावेदारी भी पेश की। फिर पंजाब से आकर बसे सरदार परमवीर सिंह ने कटरी में जमीन खरीदी और सुरेश की सत्ता को चुनौती दी। इसके बाद ही वह पुराने रूप में लौट आया।
हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद बदला ठिकाना
आपको बता दें कि मुख्य आरोपी सुरेश प्रधान मूल रूप से रायपुर हंस का रहने वाला है। गोविंदपुर गांव भी इस गांव से सटी रामगंगा की तलहटी में है। बाढ़ के दौरान जब भी यहां कटान होता है तो जमीनों को भूगोल बदल जाता है। इसके बाद दंबगों का कानून ही यहां पर चलता है। सुरेश के द्वारा इसी तरह से बेहिसाब जमीन पर कब्जा किया गया। इसके चलते गैंगवार हुआ तो हत्या, जानलेवा हमला, रंगदारी समेत 20 से अधिक मुकदमें भी उस पर दर्ज हुए। सुरेश को जब फरीदपुर थाने का सक्रिय हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया गया तो तकरीबन 20 साल पहले उसने बदायूं जिले का रुख कर लिया। पहले की जमीनों का काम उसके गुर्गे संभालने लगे। सुरेश के प्रभाव के चलते ही बेटा सुरजीत तोमर रायपुर हंस का प्रधान भी चुना गया।
राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही करीबी
सुरेश ने साल 2012 में बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा। उसे 23 हजार वोट ही हासिल हुए थे। सुरेश के सोशल मीडिया अकाउंट पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और अन्य दलों के बड़े-बड़े नेताओं के साथ कई तस्वीरें और वीडियो हैं। सामने आए ताजा मामले में बरेली फरीदपुर थाना क्षेत्र में बुधवार शाम को कटरी में जमीनों के विवाद को लेकर फायरिंग हुई। इस दौरान तीन लोगों की मौत हुई है। मामले में मुख्य आरोपी सुरेश पाल सिंह तोमर उर्फ सुरेश प्रधान अभी भी फरार है। आरोप है कि सुरेश प्रधान तकरीबन 25 हथियारबंद बदमाशों को लेकर आया था और दूसरे गुट के सरदार परमवीर सिंह के झाले के पास फसल कटान रोकने के लिए हमला किया था। फायरिंग में ही यह ट्रिपल मर्डर सामने आया।
जोशीमठ के बाद अब बागपत में दरक रही जमीन, मकानों में आई दरारों से पलायन को मजबूर लोग