अयोध्या में बीजेपी सांसद की अधिकारियों को लेकर नाराजगी सामने आई। उन्होंने कहा कि डीएम और कमिश्नर की निगाह में हम जनप्रतिनिधियों का कोई मतलब ही नहीं है। कहा यह पहली बैठक है जब कोई अधिकारी उसमें मौजूद ही नहीं है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: सूबे के आला अधिकारी बीजेपी के विधायक और सांसदों की नहीं सुनते हैं, ये पीड़ा विभिन्न माध्यमों से गाहे-बगाहे सार्वजनिक होती रही है। ताजा मामला रामनगरी अयोध्या से सामने आया है। सावन मेला बैठक के दौरान अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने सार्वजनिक मंच पर कहा कि कमिश्नर और डीएम की निगाह में हम लोगों का कोई मतलब नहीं है। मेला बैठक है लेकिन किसी विभाग का XCN तक नहीं है। काहे के लिए बैठक है? उन्होंने कहा कि प्रमुख मार्ग साफ और गलियां टूटी अंधेरे में है। उन्होंने पुलिस के व्यवहार को भी ठीक करने की बात कही। उन्होंने कहा 1991 से विधायक और अब वे सांसद हैं। लेकिन इस तरह की पहली बैठक है जिसमें जिलाधिकारी और किसी भी विभाग का हेड ऑफ डिपार्टमेंट नहीं है।
अधिकारियों को किया आगाह, बवाल हुआ तो सरकार किसकी यह नहीं देखेंगे
मार्ग चौड़ीकरण से व्यापारियों का मन टटोल कर मेला बैठक में अधिकारियों की कार्यप्रणाली से न खुश सांसद ने अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि मेला के कुछ दिन पहले अनाउंस किया जाता है कि अपनी दुकानें हटा लें। अभी तक यह काम प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर पाए तो मेला में करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा जब समय रहता है तब काम अधिकारी नहीं करते हैं। अब मेले में व्यापारी दो पैसा कमाने की सोच रहा है तो उसे हटाने की मुनादी की जा रही है। उन्होंने कहा इसलिए अभी अधिकारी डीएम से बात कर लें, जैसे इतने दिन रुके कुछ दिन और रुक जाएं। उन्होंने कहा अधिकारी प्रेक्टिकली रूप से काम करें यह हमारा सुझाव है। उन्होंने सीधी बात करते हुए कि बवाल होगा तो हम लोग बवाल में यह नहीं देखेंगे कि सरकार हमारी है या किसी दूसरे की।
सांसद के कहने के वाबजूद दूसरे ही दिन प्रशासन ने की तोड़-फोड़ की कार्रवाई
आपको बता दें राममंदिर को जोड़ने वाली तीन प्रमुख सड़कों में से एक हनुमान गढ़ी से रामजन्मभूमि मार्ग के लिए चौड़ीकरण का काम काफी समय से प्रस्तावित है। सावन मेला शुरू होने के दो दिन पहले जिला प्रशासन द्वारा दुकानदारों को दुकानें हटा लेने की मुनादी कराई गई थी। चौड़ीकरण की जद में सैकड़ों दुकानें आ रही है। व्यापारी प्रशासनिक कार्यप्रणाली से गुस्से में हैं। उनका कहना है सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पहले दुकानदारों को स्थापित किया जाएगा फिर विस्थापित। लेकिन प्रशासन अयोध्या में सभी व्यवसायियों को वेरोजगार करने पर आमादा है। इसके लिए सभी ने बैठकें कर आर-पार लड़ाई का मूड बना लिया है। सांसद द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई कुछ दिन टालने की बात कहने के बावजूद दूसरे ही दिन प्रशासन ने राम जन्मभूमि मार्ग पर निर्माण हटाने का काम किया।