BHU में ABVP छात्रों के आंदोलन की हुई जीत , 23 माह बाद काशी विवि ने ऑफलाइन क्लास चलाने का लिया निर्णय

वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रशासन ने कोरोना की पहली लहर से बंद पड़े विश्वविद्यालय की कक्षाएं ऑफलाइन चलाने का निर्णय लिया हैं। इसी निर्णय के साथ छात्रों का चल रहा धरना भी समाप्त हो गया।

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2022 12:27 PM IST

अनुज तिवारी

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जिले वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रशासन ने कोरोना की पहली लहर से बंद पड़े विश्वविद्यालय की कक्षाएं ऑफलाइन चलाने का निर्णय लिया हैं। इसी निर्णय के साथ छात्रों का चल रहा धरना भी समाप्त हो गया। दो दिन तक चले धरने में छात्रों की जो मांगें थी। उसपर छात्राओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मांगों को मान लिया है। 

धरने पर बैठे छात्रों ने की थी मांग 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह स्पष्ट मत है कि कोरोना वायरस महामारी के पश्चात विश्वविद्यालय परिसरों को सुचारू पठन पाठन हेतु छात्रों के लिए अविलम्ब खोला जाना चाहिए। इसी क्रम में छात्रों ने कहा उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यो में कोरोना वायरस महामारी के पश्चात सुधरती स्थिति को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय को पुनः ऑफलाइन पठन पाठन हेतु खोले जाने की मांग लेकर कुलपति आवास के समक्ष अनिश्चितकाल के लिए धरनारत थे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रमुख मांग थी कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों की ऑफलाइन कक्षाओं हेतु पूर्ण रुप से खोले जाने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ले एवं इस सम्बंध में विद्यार्थियों को सूचित किया जाए। जिससे उनके भविष्य का पठन पाठन प्रभावित न हो। इसके मद्देनजर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई द्वारा 7 फरवरी से अनवरत कुलपति आवास पर धरना दिया जा रहा था। इस दौरान 8 फरवरी को विद्यार्थी परिषद द्वारा मूक प्रदर्शन किया गया एवं 9 फरवरी को कुलपति जी के समक्ष काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया गया। छात्रों के तीन दिन चले विरोध के बाद विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. के के सिंह एवं चीफ प्रॉक्टर प्रो.बीसी कापड़ी द्वारा धरनारत विद्यार्थियों को धरनास्थल पर आकर सूचित किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय को चरणबद्ध तरीके से खोले जाने का निर्णय लिया गया। कुलपति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई संकायाध्यक्ष और संस्थान निदेशको की बैठक में उक्त निर्णय लिए गए। 

ये थी छात्रों की मांगे
1.अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं तत्काल प्रभाव से शुरू की जाएंगी।
2.द्वितीय वर्ष (इंटरमीडिएट सेमेस्टर) की कक्षाएं दिनांक 21 फरवरी से शुरू की जाएंगी। इसी के साथ उनका छात्रावास आवंटन भी किया जाएगा।
3.सभी छात्रावासों का शत प्रतिशत आवंटन किया जाएगा।
4.सभी विषय के शोध छात्र ऑफलाइन माध्यम में कार्य कर सकेंगे।
5.प्रथम वर्ष की कक्षाओं पर फैसला जकड़ स्थिति की समीक्षा के पश्चात होगा। 

BHU प्रशासन द्वारा मांगें मान ली गई हैं, छात्रो ने कहा
इस दौरान इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप ने कहा कि 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की कक्षाएं पुनः ऑफलाइन माध्यम से संचालित कराने हेतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले तीन दिनों से आंदोलनरत था। अपनी मांगों पर अडिग परिषद के कार्यकर्ता भीषण ठंड के बावजूद दिन रात आंदोलन स्थल पर डंटे रहे। यही कारण रहा कि प्रशासन को अंततः विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लेना पड़ा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद देता है। आने वाले समय में हम नव प्रवेशी प्रथम वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू कराने का प्रयास करेंगे। विद्यार्थी परिषद भविष्य में भी अनवरत विद्यार्थियों के हित के मुद्दे उठाता रहेगा।' इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि ' यह आंदोलन विश्वविद्यालय के हज़ारों छात्रो के हित में था। जो पिछले दो वर्षों से विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ पा रहे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मांगे मानना छात्र समुदाय की जीत है। विद्यार्थी परिषद भविष्य में भी छात्रों के साथ खड़ा रहेगा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद जिन्होंने देर से ही सही लेकिन छात्रों के हित में फैसला लिया।'

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