
अनुज तिवारी
वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय कैम्पस में हुई इफ्तार पार्टी का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। छात्र इस इफ्तार पार्टी का लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को छात्रों ने वीसी आवास के सामने अपने खून से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखी और बीएचयू के इस्लामीकरण को बंद करवाने और इस मामले में कार्रवाई की मांग की।
छात्र ने शुरू की नई परंपरा
इस सम्बन्ध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से एक अवलंब दुबे राहुल ने बताया कि अब से कुछ दिन पहले बीएचयू कुलपति ने एक परम्परा शुरू की इफ्तार पार्टी की, जो कि बीएचयू के 100 साल के इतिहास में आधिकारिक रूप से कभी नहीं हुआ था। इसका हम लोग लगातार विरोध करते आ रहे हैं। इस विरोध के स्वरुप कुछ शरारती तत्वों ने वाल राइटिंग कर हमें उकसाने की कोशिश भी की है। अवलंब ने कहा कि आज हम सभी ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री को अपने खून से चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है ताकि विश्वविद्यालय का माहौल सही रहे।
अभी तक नहीं हुआ कोई भी खंडन
वहीं एक अन्य छात्र आशीर्वाद ने बताया कि बीती 27 अप्रैल को बीएचयू में एक नयी परम्परा का शुभारम्भ किया गया। कुलपति के शह पर एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इस इफ्तार पार्टी का पूरा प्रचार-प्रसार किया गया। छात्रों ने इसके विरोध में हनुमान चालीसा पढ़ा, वीसी लॉज का शुद्धिकरण भी करवाया गया साथ ही हमने मुंडन भी किया गया। अभी तक इस सम्बन्ध में कोई भी खंडन या जवाब वीसी महोदय की तरफ से नहीं आया है। ऐसे में हमने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सभी को खून से चिट्ठी लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है।
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