सुप्रीम कोर्ट से भी डॉक्टर कफील खान को मिली राहत,विजयी मुद्रा में शेयर की तस्वीर, यूपी सरकार की याचिका खारिज

Published : Dec 17, 2020, 01:40 PM ISTUpdated : Dec 17, 2020, 01:44 PM IST
सुप्रीम कोर्ट से भी डॉक्टर कफील खान को मिली राहत,विजयी मुद्रा में शेयर की तस्वीर, यूपी सरकार की याचिका खारिज

सार

बीते सितंबर माह में डॉक्टर कफील मथुरा जेल से रिहा हुए थे। डॉ. कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज केस के सिलसिले में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रहते हुए रासुका की तामील कराई गई थी। 

लखनऊ (Uttar Pradesh) । सुप्रीम कोर्ट से आज यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है। गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की रिहाई के मामले में यूपी सरकार की दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद खुद डॉक्टर कफील खान ने ट्टीट किया है। बता दें कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सितंबर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष याचिका दायर की थी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डॉक्टर कफील की हिरासत को रद्द कर दिया गया था। 

मथुरा जेल से 6 माह बाद बाहर आए थे डा. कफील खान
बीते सितंबर माह में डॉक्टर कफील मथुरा जेल से रिहा हुए थे। डॉ. कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज केस के सिलसिले में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रहते हुए रासुका की तामील कराई गई थी। 

मां की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश
डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अलीगढ़ के डीएम ने NSA की कार्रवाई की थी। इसके खिलाफ मां नुजहत परवीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एक सितंबर को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि डॉक्टर के भाषण ने नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं दिखाई देता है।

साल 2017 में चर्चा में आए थे डा. कफील खान
डॉ. कफील खान 2017 में उस समय चर्चा में आए थे, जब गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत एक सप्ताह के अंदर हो गई थी। डॉ. खान को सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें इंसेफेलाइटिस वार्ड में अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने और निजी प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, पिछले साल उन्हें अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Human Rights Day: UP मानव अधिकार आयोग में भव्य समारोह, न्यायमूर्तियों ने रखे अपने विचार
योगी सरकार बदल रही संभल की दिशा: सुरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और विकास का नया मॉडल