कानपुर में यूपी ATS के हत्थे चढ़ा बिहार का असलहा तस्कर, नौ साल से छिपकर रह रहा था परिवार के साथ

उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर में एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। बिहार के भोजपुर के रहने वाला असलहा तस्कर कुर्बान अली को एटीएस ने कानपुर के बाबूपुरवा से गिरफ्तार किया है। वह नौ साल से परिवार के साथ यहां छिपकर फरारी काट रहा था। निष्प्रयोज्य लाइसेंस हथियारों के नंबरों पर प्रतिबंधित बोर के शस्त्र बनाता था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2022 8:21 AM IST


कानपुर: यूपी एटीएस की टीम ने हथियारों के लाइसेंसी नंबरों का प्रयोग करके प्रतिबंधित बोर के हथियार बनाकर बेचने वाले गिरोह के सदस्य को कानपुर व लखनऊ इकाई ने बाबूपुरवा से गिरफ्तार कर लिया है। उसका नाम कुर्बान अली है, जो मूलरूप से बिहार के भोजपुर का रहने वाला है। वर्तमान में परिवार के साथ बाबूपुरवा में छिपकर रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम था। एटीएस ने ही नौ साल पहले इस गिरोह का पर्दाफाश किया था।

देवबंद में भी पकड़ा गए आरोपी 
बता दें कि हाल ही में यूपी एटीएस की टीम ने देवबंद में रहने वाले एक युवक को जिहाद से संबंधित वीडियो प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार किया है। उसके मुजफ्फरनगर निवासी दो साथियों को भी पूछताछ के लिए ले जाया गया। हालांकि दोनों के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर दोनों को मुचलका पाबंद कर छोड़ दिया गया है। वर्तमान में एटीएस को देवबंद में रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा देश विरोधी विचार धाराओं का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचार-प्रसार करने की सूचना मिली थी।  

इनामुलहक उर्फ इनाम इम्तियाज पुत्र इम्तियाज मियां निवासी पटना, थाना गया, जनपद गिरडीह झारखंड जो वर्तमान में देवबंद में रह रहा था। वह एटीएस की सहारनपुर की फिल्ड यूनिट के बाद हत्थे चढ़ा था। उसके साथी के रूप में मुजफ्फरनगर की शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले दो युवक मोहम्मद फुरकान अली व नबील खान भी प्रकाश में आए। 

एटीएस लखनऊ टीम ने 2013 में पकड़े थे आरोपी
बता दें कि 18 अप्रैल 2013 को एटीएस लखनऊ की टीम ने लखनऊ के चौक निवासी खालिद, कानपुर निवासी मोहम्मद जुनैद, घाटमपुर निवासी कल्लू और विमल कुमार विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपितों पर धोखाधड़ी व कूटरचना के अलावा राष्ट्रद्रोह की धारा भी लगाई थी। एटीएस की जांच में सामने आया था गिरोह लाइसेंस धारकों और शस्त्र दुकानों से पुरानी निष्प्रयोज्य रायफल और पिस्टल खरीदता था। उनके मेक व माडल नंबर से प्रतिबंधित बोर के शस्त्र तैयार करता था। प्रतिबंधित बोर के अलावा यह गिरोह कनाडा और सिंगापुर से पार्ट्स लाकर नवीनतम माडल की विदेशी पिस्टल तैयार करते थे।

लखनऊ, कानपुर नगर, सिरसा, हरियाणा के कुछ चुनिंदा शस्त्र विक्रेताओं की दुकानों के जरिए अभिलेखों में कूट रचना करके इन हथियारों को लाइसेंसी व्यक्तियों के साथ ही अपराधियों एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों को भी भारी दामों पर बेचते थे। जांच में इसके बाद छह अन्य आरोपित भी पकड़े गए। एटीएस सूत्रों के मुताबिक कुर्बान अली तब से फरार चल रहा था। वह बिहार के भोजपुर जिले के थानाक्षेत्र जगदीश के गांव दलीपुर का रहने वाला है। वर्ष 2013 में वह मछरिया में रहता था।

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