भारतीय जनता पार्टी पीसीएफ में शिवपाल यादव के रुतबे को खत्म करने में जुट गई है। बीजेपी ने सपा विधायक शिवपाल यादव को घेरने की मजबूत रणनीति बनाई है।
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी पीसीएफ में शिवपाल यादव के रुतबे को खत्म करने में जुट गई है। बीजेपी ने सपा विधायक शिवपाल यादव को घेरने की मजबूत रणनीति बनाई है, जिसके तहत पीसीएफ प्रबंधन तंत्र में चुनाव कराते हुए बीजेपी ने अपने 11 सदस्य निर्विरोध जितवा लिए है। वहीं तीन सदस्यों को सरकार के द्वारा नामित कराना है।
सदस्यीय कमेटी से चुना जाता है सभापति
बता दें कि पीसीएफ की 14 सदस्यीय कमेटी में से ही अध्यक्ष यानी सभापति चुना जाता है, लेकिन शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को बीजेपी ने सदस्य बनने तक का मौका नहीं दिया है। ऐसे में अब आदित्य यादव का पीसीएफ के सभापति पद से हटना तय माना जा रहा है। 14 जून को ही सभापति का नामांकन और चुनाव होना है, जिसमें आदित्य यादव सदस्य ना होने के नाते चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
निर्विरोध निर्वाचित हुए बीजेपी के सदस्य
पीसीएफ के प्रबंध समिति में जो 11 सदस्य निर्विरोध जीते हैं, उनमें बीजेपी के सहकारिता प्रकोष्ठ और आरएसएस के वैचारिक संगठन सहकार भारती से जुड़े लोग शमिल हैं। गोरखपुर से रमाशंकर जायसवाल, कानपुर से आनंद किशोर, अलीगढ से अनुराग पांडेय,बरेली से राकेश गुप्ता, प्रयागराज से अमर नाथ यादव, बलिया से वाल्मीकि त्रिपाठी, झांसी से पुरुषोत्तम पांडेय, मेरठ से कुंवर पाल, लखनऊ से विश्राम सिंह, राम बहादुर सिंह, मुरादाबाद से रमेश प्रबंध समिति के लिए र्निविरोध सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
शिवपाल महिला सदस्य को सरकार की मदद से बना सकते है सभापति
पीसीएफ के 14 सदस्यीय प्रबंधन तंत्र में 11 प्रत्याशी बीजेपी ने निर्विरोध जिता लिए हैं। वहीं 3 सदस्यों को सरकार के द्वारा मनोनीत किया जाना है। ये सीटें महिला सदस्यों के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में शिवपाल यादव सरकार की मदद से अपने परिवार की महिला सदस्य को मनोनीत करा सकते हैं। लेकिन बीजेपी संगठन ने जिस तरह से घेराबंदी की उससे यह संभव नहीं लग रहा है। बाकी आने वाला वक्त बतायेगा कि क्या शिवपाल पीसीएफ में महिला सदस्य को सभापति बना पायेंगे या नहीं।
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