यूपी चुनाव में बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक हो सकता है CM योगी को अयोध्या से चुनाव लड़वाना, समझिए कितना होगा फायदा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह से अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे एजेंडों हिंदू एजेंडे पर खरे उतरे। उस लिहाज से योगी का अयोध्या से चुनाव लड़वाना बीजेपी को हिन्दू वोटबैंक से एक बड़ा फायदा पहुंच सकता है। साथ ही साथ सीएम योगी और अयोध्या को लेकर पार्टी के दिग्गज नेताओं की ओर से बनाई गई या राजनीति बीजेपी के मास्टर स्ट्रोक  के रूप में देखी जा रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2022 5:10 AM IST

हेमेंद्र त्रिपाठी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) की तैयारियों को लेकर बीजेपी (BJP) की ओर से दिल्ली मुख्यालय पर विशेष मंथन किया जा रहा था। 3 दिनों तक चली इस बैठक के दौरान सीएम योगी (CM Yogi) को विधानसभा चुनाव के लिए किस रणभूमि में उतारा जाए, यह सबसे बड़ा विषय था। कुछ समय तक यूपी के मथुरा से सीएम योगी को चुनाव लड़ाने की चर्चा हुई, लेकिन चंद घंटों के बाद ही दिल्ली में चल रही बीजेपी के नेताओं की बैठक के बीच सीएम योगी को अयोध्या (Ayodhya) से चुनाव लड़ाने की आवाजें सियासी गलियारों में गूंजने लगीं। 

बताया जा रहा है सीएम योगी को अयोध्या से चुनाव लगवाने की बात पर बैठक के दौरान सभी दिग्गज नेताओं ने सहमति दर्ज कराई है अब बस इंतजार है तो सिर्फ बीजेपी की ओर से पहली सूची जारी होने का। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह से अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे एजेंडों हिंदू एजेंडे पर खरे उतरे। उस लिहाज से योगी का अयोध्या से चुनाव लड़वाना बीजेपी को हिन्दू वोटबैंक (Hindu votebank) से एक बड़ा फायदा पहुंच सकता है। साथ ही साथ सीएम योगी और अयोध्या को लेकर पार्टी के दिग्गज नेताओं की ओर से बनाई गई या राजनीति बीजेपी के मास्टर स्ट्रोक (master stroke) के रूप में देखी जा रही है। 

Latest Videos

अयोध्या से सीएम योगी लड़े चुनाव तो कितना होगा फायदा?
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियां पहले से थीं। साल 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सीएम योगी ने सबसे ज्यादा यदि किसी स्थान पर फोकस किया तो वह अयोध्या था। जिसके बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए व अयोध्या के विकास के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें पूरी तरह से जुट गई थीं। और ऐसा हो भी क्यों न? आखिरकार, 2017 में उत्तर प्रदेश में भीतर हिन्दू वोटबैंक हासिल भी इसी मुद्दे को लेकर किया गया था। योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसी जाति या वर्ग के विकास में कमी देखने को मिल सकती है लेकिन हिंदुत्व के एजेंडे पर सीएम योगी ने भरपूर काम किया। जिसके चलते प्रदेश के भीतर अन्य विकास कार्यों को दरकिनार करते हुए हिंदुओं ने अपनी खुशी व सहमति जताई।

2017 में भी इन्हीं मुद्दों पर बनी थी बीजेपी की चुनावी रणनीति
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद से लगातार वहां सीएम योगी की ओर से किए जा रहे अलग अलग कार्यक्रमों ने प्रदेश के हिंदुओं को एक मुद्दे से बांधे रखा। अयोध्या में रामलीला का आयोजन हो या दीपोत्सव का, इन कार्यक्रमों के चलते अयोध्या को एक खास पहचान मिली। जिस प्रकार साल 2017 के चुनाव में अयोध्या और काशी जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया, जिसके चलते बीजेपी को भारी जीत हासिल हुई, उसी प्रकार साल 2022 के चुनाव में भी बीजेपी एक बार फिर  इन्हीं मुद्दों के सहारे बहुमत की सरकार बनाना चाहती है। सीएम योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर हिंदुओं का वोट सीएम योगी की ओर से ज्यादा से ज्यादा प्रभावित होगा। 

अयोध्या के सन्त कह रहे- सिर्फ योगी ही उपयुक्त
सीएम योगी के नाम पर मुहर लगने के बाद अयोध्या में खुशी की लहर है. संत समाज के लोग इससे खुश हैं।  संत परमहंस ने लड्डू बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अयोध्या के लिए सिर्फ योगी ही उपयुक्त हैं। इसके साथ ही संत परमहंस ने कहा कि राम भक्तों पर गोली चलाने वाले और अयोध्या की उपेक्षा करने वाले लोग सीएम योगी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। संतो के मुताबिक, सीएम योगी ने 5 साल में तस्वीर बदली है और अयोध्या का पूरा विकास योगी ही कर सकते हैं। संत राजकुमार दास ने कहा संत बिरादरी के योगी जी हैं, ऐसे में संत समाज भी उनके लिए प्रचार करेगा। जहां तक चुनावी समीकरण की बात है तो वीवीआईपी सीट होने का फायदा बीजेपी को मिलना तय है और हिंदुत्व, राम मंदिर और अयोध्या के व्यापक विकास की उम्मीद से यहां से जन समर्थन मिलना तय है।

सपा को हो सकता है भारी नुकसान
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में जिस वक्त बीजेपी चुनाव समिति की बैठक के दौरान अपनी रणनीति तैयार कर रही थी, उस बीच समाजवादी पार्टी में अचानक यूपी सरकार के मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य अव अन्य विधायकों का आना जाना तेजी के साथ लगा था। उसी बीच बीजेपी ने अपनी रणनीतियों को अंजाम देते हुए योगी को अयोध्या से चुनाव लड़वाने पर सहमति जताई। जिसके चलते अचानक फायदे में पहुँची सपा को हिन्दू वोटबैंक की तरफ से भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर वर्षों से चल रही, जिस जंग को साल 1990 में सपा सरकार की ओर से छेड़ा गया था, उसे योगी ने सत्ता में आने के बाद राम मंदिर निर्माण की तरफ ध्यान देते हुए पूरी तरह से समाप्त कर दिया। इसके साथ ही राम मंदिर के शिलान्यास से लेकर मंदिर निर्माण से जुड़े कार्यों के बीच हर बार बीजेपी की ओर से मुलायम सरकार में हुए अयोध्या कांड को याद दिलाने का प्रयास किया गया और इसका प्रभाव हिन्दू वोटबैंक पर सीधे पड़ा। अब उसी सीट से योगी का चुनाव लड़ना 2022 के चुनाव में सपा को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। 

काशी से मोदी और अयोध्या से योगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से सांसद है, 2014 में मोदी ने यूपी को साधने के लिए काशी से चुनाव लड़ना तय किया था। उनका यह प्रयोग 2014 और 2019 में सफल रहा। काशी और अयोध्या बहुसंख्यक समाज की आस्था के केंद्र है। अब अयोध्या से योगी को चुनाव लड़ाकर भाजपा अपने बहुसंख्यक वोट बैंक को साधना चाहती है।

 सटीक बैठ जाएगा 'जो राम को लाए हैं…' भजन
योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने पर भजन गायक कन्हैया मित्तल की ओर से गाया गया भजन ‘जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे’... भजन सटीक बैठेगा। चुनाव में भाजपा इसी भजन के जरिये प्रचार प्रसार कर रही है।

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता