BJP-अपना दल के रिश्तों में कड़वाहट कम होने के आसार, उपचुनाव में एक सीट पर हो सकता है समझौता

लोकसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा और अपनादल एस के रिश्तों में आई कड़वाहट अब दूर होने के आसार नजर आ रहे हैं। यूपी में अगले महीने होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने अपनादल को एक सीट देने का मन लगभग बना लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2019 9:06 AM IST / Updated: Sep 29 2019, 02:42 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh). लोकसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा और अपनादल एस के रिश्तों में आई कड़वाहट अब दूर होने के आसार नजर आ रहे हैं। यूपी में अगले महीने होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने अपनादल को एक सीट देने का मन लगभग बना लिया है। शनिवार की देर रात तक इसका मंथन करने के बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर निर्णय ले लिया है। सूत्रों की माने तो अपनादल को प्रतापगढ़ की सदर सीट दी जा सकती है। रविवार की शाम तक इसकी औपचारिक घोषणा होने की संभावना जताई का रही है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में प्रतापगढ़ सदर से विधायक संगम लाल गुप्ता के सांसद चुने जाने के बाद सीट खाली हो गयी थीं ।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने अपना दल से समझौता करते हुए उसे यूपी की 11 सीटें दी थी। इन 11 सीटों में इलाहाबाद की तीन विधानसभा सीटें प्रतापपुर, सोरांव और हंडिया , प्रतापगढ़ की दो विधानसभा सीटें सदर और विश्वनाथगंज, फ़तेहपुर की जहानाबाद सीट, जौनपुर के मड़ियाहूँ, मिर्ज़ापुर की छानबे विधानसभा सीट, वाराणसी की सेवापुरी, सुल्तानपुर की गोसाईगंज और सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ विधानसभा सीट शामिल थी। इन 11 सीटों पर अपनादल ने अपने प्रत्याशी उतारे थे जिसनें से 9 सीटों पर उनके प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। 

लोकसभा चुनाव 2019 में रिश्तों में आई थी कड़वाहट 
भाजपा व अपनादल के बीच गठबंधन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हुआ था। जिसमे भाजपा ने अपनादल को दो सीटें प्रतापगढ़ व मिर्जापुर दी थी। दोनों ही सीटों पर अपनादल ने जीत दर्ज की थी। मिर्जापुर से खुद अपनादल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल के बेटी अनुप्रिया पटेल ने जीत दर्ज किया था। जिसके बाद उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था। दोनों दलों के बीच रिश्तों में कड़वाहट साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आई जब अपनादल से प्रतापगढ़ की सीट लेकर उन्हें राबर्ट्सगंज सीट दी गयी हांलाकि मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और राबर्ट्सगंज से अपनादल प्रत्याशी पकौड़ीलाल कोल ने जीत दर्ज की। लेकिन इस बार अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। इससे ये कयास लगाए गए कि दोनों दलों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। 

उपचुनाव में प्रतापगढ़ सीट अपनादल के खाते में दिए जाने के संकेत- सूत्र 
अगले महीने होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने 11 सीटों में से एक सीट अपनादल को देने का मन बनाया है। पार्टी के सूत्रों की माने तो प्रतापगढ़ सीट अपनादल को दी जा सकती है। प्रतापगढ़ सीट से साल 2017 में अपनादल के ही प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता विधायक थे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने अपने टिकट पर सांसदी लड़ा दिया जिसमे संगमलाल ने जीत दर्ज की। उसके बाद यहां उपचुनाव होने है।  

लम्बे मंथन के बाद लिया गया फैसला  
सूत्रों की माने तो बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने लम्बे मंथन के बाद 2017 में अपनादल को दी गयी प्रतापगढ़ सदर की सीट फिर से अपना दल को देने की तैयारी कर ली है। राजनैतिक जानकारों की माने तो ये फैसला पार्टी के बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं की राय लेने के बाद लिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से बीजेपी और अपनादल के तेजी से बिगड़ रहे रिश्तों में कुछ सुधार की गुंजाइश है। 

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