यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बोले ब्रजेश पाठक- 27 जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं, 16 में शुरू हुई प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा सत्र में मेडिकल कॉलेज को लेकर ऐलान किया है। उन्होंने इस दौरान कहा कि राज्य में 27 जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं है, जिसमें से 16 जिलों में कॉलेज की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।

Hemendra Tripathi | Published : May 30, 2022 2:19 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दोबारा सत्ता में वापसी के बाद से स्वास्थ्य विभाग की कमान संभाल रहे ब्रजेश पाठक ने कई बार अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया। लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है क्योंकि रोजाना ऐसी कई घटनाएं देखने को मिल जाती है। लेकिन सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है। विधानसभा में उन्होंने कहा कि राज्य के 27 जिलों में कोई राजकीय या निजी मेडिकल कालेज नहीं हैं। जिनमें दो जिलों में मेडिकल कालेज संचालन के लिए निजी क्षेत्र के साथ समझौता किया गया है और 14 जिलों में पीपीपी (निजी सार्वजनिक भागीदारी) मोड पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 

प्रश्नकाल के दौरान बसपा नेता ने पूछा था सवाल
विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान बहुजन समाज पार्टी के नेता उमाशंकर सिंह ने यह जानना चाहा कि प्रदेश के जिन जिलों में राजकीय मेडिकल कालेज नहीं है, क्या वहां राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर सरकार विचार करेगी। इस प्रश्न के उत्तर में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में राजकीय मेडिकल कालेज नहीं खोले जा सके है। पाठक ने बताया कि इनमें 16 असेवित जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जाने का निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके सापेक्ष दो जिलों में प्राइवेट पार्टनर चिन्हित कर कन्सेशन एग्रीमेंट हस्ताक्षरित हो गये है, तथा शेष 14 जिलों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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गलत तरीके से मान्यता हासिल करने वाले कॉलेज होंगे बंद
इतना ही नहीं, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों-अधिकारियों के खाली पदों पर जल्द भर्तियां की जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में गलत ढंग से मान्यता हासिल करने वाले नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी। आगे कहते है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में जहां पद खाली हैं, उनके शिक्षकों को पीजीआई के समकक्ष वेतन व अन्य भत्ते सुविधाएं देने पर भी विचार किया जाएगा।

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