हादसे के बाद पोटली में बटोरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए अवशेष, इतनी दर्दनाक थी 20 लोगों की मौत

यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे में करीब 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बस में करीब 45 लोग सावार थे। आमने-सामने भिड़ंत के बाद ट्रक और स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे बस और ट्रक धू-धूकर जल उठे। बस में करीब 45 यात्री थे। कुछ ने खिड़की से कूदकर जान बचाई। हादसा शुक्रवार रात दिल्ली-कानपुर जीटी रोड पर छिबरामऊ में घिलोई के पास हुआ।

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2020 11:25 AM IST / Updated: Jan 11 2020, 05:01 PM IST

कन्नौज (Uttar Pradesh). यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे में करीब 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बस में करीब 45 लोग सावार थे। आमने-सामने भिड़ंत के बाद ट्रक और स्लीपर बस में आग लग गई, जिससे बस और ट्रक धू-धूकर जल उठे। बस में करीब 45 यात्री थे। कुछ ने खिड़की से कूदकर जान बचाई। हादसा शुक्रवार रात दिल्ली-कानपुर जीटी रोड पर छिबरामऊ में घिलोई के पास हुआ। शनिवार को बस और ट्रक से मिले अवशेषों को पोटली में भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजन को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रु. सहायता राशि देने की घोषणा की। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर हादसे पर शोक व्यक्त किया।

​डीएनए टेस्ट से होगा मृतकों की संख्या
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, शव बुरी तरह जले हुए हैं, हड्डियां तक बिखरी हुई हैं, केवल डीएनए टेस्ट से ही मृतकों की सही संख्या बताई जा सकती है। हादसा इतना भीषण था कि मृतकों की संख्या डीएनए टेस्ट से ही तय की जा सकती है।

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बस में सफर कर रहे शख्स ने कही ये बात 
स्लीपर बस में सफर कर रहे चांदापुर के रहने वाले रणसिंह कहते हैं, अचानक तेज आवाज आई फिर कुछ पलों के लिए अंधेरा छा गया। तेज धमाकों के साथ आग की लपटें उठने लगीं। बस में चीखपुकार मच गई। लोगों अपनी सीटों छोड़कर भागने लगे। गेट के पास आग लग चुकी थी। मैं खिड़की का सीसा तोड़ वहां से बाहर कूद गया। बस में बहुत भीड़ थी, पता नहीं उन सब का क्या हुआ होगा? आग इतनी तेज थी कि पल में इंसान राख हो जाए।

ऐसे हुआ हादसा
फर्रुखाबाद की स्लीपर बस गुरसहायगंज से सवारियां लेकर जयपुर जा रही थी। रात करीब साढे आठ बजे छिबरामऊ से करीब चार किलोमीटर दूर घिलोई गांव के पास बेवर की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक से आमने सामने की भिड़ंत हो गई। घिलोई गांव के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया, जहां हादसा हुआ वो दुर्घटना बहुल क्षेत्र है। यहां वाहनों की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए। इसके लिए यहां चेतावनी बोर्ड भी लगा है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण की ओर से इस स्थान को दुर्घटना स्थल बताया गया है। हादसा इसके ठीक सामने हुआ। 

बस की भी रफ्तार थी तेज, उल्टी दिशा में आ रहा था ट्रक
ग्रामीणों ने बताया, वाहन चालकों को यहां पर धीमे चलने की चेतावनी दी गई थी। जहां 20 की रफ्तार होनी चाहिए थी, बस की रफ्तार करीब 70 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी। हालांकि, बस सही दिशा में बेवर की तरफ जा रही थी। लेकिन बेवर की तरफ से आने वाला ट्रक विपरीत दिशा में था।



ट्रक चालक की लापरवाही के कारण हादसा हो गया। हादसे के बाद बस से आग की लपटें उठने लगीं। आग बस के फ्यूल टैंक तक पहुंच गई। इसके बाद आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया। बस के अंदर सवारियां जल रही थीं, लेकिन कोई भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

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