
लखनऊ(Uttar Pradesh ). CAA के विरोध में सूबे में हुई हिंसा के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम सामने आया है। यह प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का लघु रूप है। लखनऊ पुलिस ने संगठन के तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है। पकडे गए लोगों के पास से भारी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुई है। पुलिस पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है।
CAA को लेकर 19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ सहित पूरे यूपी में हुए बवाल के मामले में पुलिस ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। पुलिस जांच में हिंसा भड़काने के मामले में PFI का नाम सामने आया है। पुलिस ने संगठन के तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार करते हुए इनके पास से काफी मात्रा में प्रतिबंधित सामान बरामद किया है। SSP कलानिधि नैथानी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया है।
काफी दिनों से दंगों का तानाबाना बन रहा था PFI
SSP कलानिधि नैथानी ने बताया कि PFI उत्तर प्रदेश में अपनी जड़े काफी दिनों से मजबूत करने की कोशिश में लगी थी। नागरिकता कानून का विरोध जब शुरू हुआ तो इन्हे मौक़ा मिला और संगठन के लोगों ने आमजनता को भड़काना शुरू कर दिया। PFI ने ही विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाया, जिसके बाद भड़की हिंसा में कई वाहनों को आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ हुई।
मुख्य आरोपी नदीम भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
CAA के विरोध में भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी नदीम को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। नदीम बाराबंकी जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। पुलिस ने नदीम के दो साथी वसीम और अशफाक को पकड़ा है। नदीम को PFI का सदस्य बताया जा रहा है, जबकि वसीम PFI का प्रदेश अध्यक्ष और अशफाक कोषाध्यक्ष हैं।
अयोध्या मामले से जुडी कई प्रतिबंधित चीजें बरामद
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि, इनके पास से 24 तख्ती, भारी मात्रा में पंफलेट्स, सीडी, साहित्य और पोस्ट कार्ड्स बरामद हुए हैं। साहित्यों में बाबरी मस्जिद से जुड़ी अहम बाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अयोध्या फैसले के बाद भी इन्होने कुछ नापाक इरादे जरूर पाले रहे होंगे। गिरफ्तार किए गए तीनो लोग सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नाम से उत्तर प्रदेश में काम करते हैं। वसीम अहमद ने चार नवंबर 2019 को गांधी प्रेक्षागृह कैसरबाग में रिहाई मंच के लोगों के साथ बैठक की थी। SSP ने बताया कि अभी PFI से जुड़े मोहम्मद शादाब, इसरार खान और एक वांछित है। जबकि इनके सहयोगी रॉबिन वर्मा व मोहम्मद शोएब को पहले ही गिरफ्तार किया गया है।
6 माह से यूपी के कई जिलों में थे सक्रिय
PFI बीते छह माह से लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में सक्रिय था। जुलाई और सितंबर माह में संगठन ने लखनऊ के कई इलाकों में पोस्टर चस्पा किए थे। हद तो तब हो गई, 20 दिसंबर को जब संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वसीम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, उसके बाद भी इस नेटवर्क के बारें में पुलिस को पता नहीं चला। वसीम लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है। अब दो अन्य की गिरफ्तारी के बाद इनके मंसूबों का खुलासा हुआ है।
शामली में भी संगठन के दो सदस्य गिरफ्तार
पुलिस ने शामली से CAA के विरोध में फ़ैली हिंसा के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों सदस्य PFI के सदस्य बताए जा रहे हैं। SSP कलानिधि नैथानी ने बताया कि ये संगठन 13 राज्यों में सक्रिय हैं। यूपी में ये शामली, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, आजमगढ जैसे जिलों में ये अपनी पहुंच बना रहे थे।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।