यूपी के बिजनौर में सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान सरकारी संपत्ति की क्षतिपूर्ति के लिए 60 लोगों से 57 लाख के नुकसान की भरपाई की जाएगी। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के वाहनों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान दो युवकों की मौत हो गई थी।
बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में सीएए-एनआरसी के विरोध में जमकर बवाल किया गया था। इस दौरान उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ के अलावा कई लोगों पर हमला भी किया था और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। अब इस मामले में आगजनी कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 60 लोगों से जुर्माना वसूला जाएगा। बताया जा रहा है कि इन 60 लोगों से 57 लाख के नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस दौरान 56 आरोपियों को नोटिस जारी किया जा चुका है।
दो युवकों की हो गई थी मौत
अब इस मामले में केवल 4 आरोपियों को नोटिस जारी करना बाकि रह गया है। बता दें कि सीएए-एनआरसी लागू किए जाने को लेकर 20 दिसंबर 2019 को जिले में विरोध प्रदर्शन को दौरान जमकर बवाल किया गया था। नटहौर में किए गए विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था। इस दौरान दो युवकों सुलेमान और अनस की गोली लगने से मौत हो गई थी। वहीं 21 पुलिसकर्मियों के साथ ही कई अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने पुलिस की बाइक और जीपों को आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। वहीं इस मामले पर शासन की तरफ से क्षतिपूर्ति के लिए आदेश भी जारी किया गया था।
भरपाई के लिए वसूले जाएंगे 57 लाख रुपये
जांच के दौरान पाया गया था कि सरकारी और निजी संपत्तियों को मिलाकर कुल 57 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। नुकसान का आंकलन करते हुए प्रशासन ने मामले की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। जिसके बाद अब अब 57 लाख की क्षतिपूर्ति के लिए 56 लोगों को पुलिस ने नोटिस जारी किए हैं। पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले पर पूर्व पालिकाध्यक्ष स्व. रशीद अहमद छिद्दू के पुत्र मौहम्मद जैद आदि लोगों का कहना है कि इस बवाल के दौरान वह लोग शहर में नहीं थे। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है। कोतवाल पंकज तोमर ने नोटिस जारी कराए जाने की पुष्टि की है।