यूपी के मुजफ्फरनगर में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए चार लोगों को कोर्ट ने बेकसूर माना। कोर्ट के आदेश पर चारों को रिहा कर दिया गया है। इनमें एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।
मुजफ्फरनगर (Uttar Pradesh). यूपी के मुजफ्फरनगर में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए चार लोगों को कोर्ट ने बेकसूर माना। कोर्ट के आदेश पर चारों को रिहा कर दिया गया है। इनमें एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।
हिंसा के दौरान अपने दफ्तर में थे गिरफ्तार किए गए सरकारी कर्मचारी
अभियोजन के मुताबिक, पुलिस ने कोर्ट में दायर की गई अपनी रिपोर्ट में चारों को क्लीन चिट दी थी, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिला रोजगार कार्यालय की तरफ से कहा गया था, गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद फारुक 20 दिसंबर को प्रदर्शनों के दौरान अपने दफ्तर में थे।
हिंसा के बाद जिले में दर्ज किए गए थे 40 केस
वहीं, सिविल लाइंस और खालापार इलाके में प्रदर्शन के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ चार और केस दर्ज किए गए हैं। इससे पहले, जिले में हुई हिंसा के बाद 40 मामले दर्ज किए गए थे। 73 लोगों को हिरासत में लिया गया था। सभी मामलों की पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ जांच कर रही है।