गोरखपुर में बीते 12 जून रविवार को अभियोजन अधिकारी का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रभारी जेडी 'संयुक्त निदेशक अभियोजन, अशोक वर्मा तथा एसपीओ 'ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, 'रणविजय' हैं। वहीं, मंगलवार देर रात कैंट पुलिस ने इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर में बीते 12 जून रविवार को अभियोजन अधिकारी का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रभारी जेडी 'संयुक्त निदेशक अभियोजन, अशोक वर्मा तथा एसपीओ 'ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, 'रणविजय' हैं। वहीं, मंगलवार देर रात कैंट पुलिस ने इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके साथ ही वीडियो बनाने वाले शख्स की तहरीर पर इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अब मामले की विवेचना का जिम्मा सीओ कैंट को सौंपा गया है।
वीडियो वायरल करने और तहरीर देने वाले शख्स की क्या है कहानी
दरअसल, साल 2016 में तहरीर देने वाले युवक दीपक के भाई संजय यादव की हत्या की गई थी। यह हत्या सपा नेता कपिलमुनि यादव ने की और फिर खेत में उसके शव को गाड दिया, फिर उस पर गेहूं की बुआई कर दी। वहीं, गेहूं कटाई के बाद संजय यादव की खेत से घड़ी बरामद हुई। जिसके बाद हत्या का केस दर्ज हुआ, जिसमें दीपक गवाह बना है। घटना के बाद दीपक ने कैंट पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा कि यह अभियोजन अधिकारी फाइल आगे बढ़ाने के लिए घूस लिया है। इसका वीडियो भी बनाया गया और यह वीडियो जिलाअधिकारी को भी दिया गया। इतना ही नहीं, जिलाधिकारी को टि्वटर के माध्यम से भी इसकी सूचना मिली थी। जिलाधिकारी की ओर से जब इस मामले की जांच कराई गई तो रिश्वत लेने की बात की पुष्टि हुई। जिसके आधार पर कैंट पुलिस ने अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
एसएसपी से मिले दीपक को दूसरी बार मिली प्रशासनिक सुरक्षा
इस पूरे घटनाक्रम के बाद दीपक यादव को प्रशासन की तरफ से सुरक्षा मुहैया कराई गई। हालांकि इससे पहले भी दीपक यादव को सुरक्षा दी गई थी। लेकिन वह फिर हटा ली गई थी। वहीं, इस बार इस सुरक्षा की पुष्टि खुद एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने करते हुए कहा कि दीपक यादव को प्रशासन की तरफ से गनर मुहैया कराया गया है। दीपक यादव ने इस मामले पर कहा कि इस मामले पर लगातार उसके ऊपर दबाव बनाया जा रहा था और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी। जिसके बाद उसने मंगलवार को एसएसपी से मिलकर अपने सुरक्षा की मांग की। और प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा दिलाई।
'कपिलमुनि की अपराधिक फाइलों को खोल कर, उस पर लगाया जाएगा गैंगेस्टर
प्रशासन पिछले कुछ समय से लगातार गैंगेस्टरो के ऊपर शिकंजा कसे हुई है। और किसी भी गैंगस्टर को अपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होने दे रही है। अब कपिलमुनि की भी सारी फाइलें खोली जाएंगी और प्रशासन उस पर गैंगस्टर लगाने के लिए पूरी तरीके से तैयार है। वही कपिलमुनि के खिलाफ कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं एसएसपी का कहना है। जिला बदर हुए अपराधिक कपिलमुनि के खिलाफ अब गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। इसके लिए पुलिस ने फाइल भी तैयार कर ली हैं।