नोएडा अथॉरिटी के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह को सोमवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। साल 2015 से जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कहा, यादव सिंह ने अप्रैल 2004 से चार अगस्त, 2015 के बीच आय से अधिक 23.15 करोड़ रुपये जमा किए, जो उनकी आय के स्रोत से करीब 512.6 परसेंट ज्यादा है।
नोएडा (Uttar Pradesh). नोएडा अथॉरिटी के पूर्व इंजीनियर यादव सिंह को सोमवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। साल 2015 से जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कहा, यादव सिंह ने अप्रैल 2004 से चार अगस्त, 2015 के बीच आय से अधिक 23.15 करोड़ रुपये जमा किए, जो उनकी आय के स्रोत से करीब 512.6 परसेंट ज्यादा है।
क्या है यादव सिंह पर आरोप
पूर्व इंजीनियर यादव सिंह पर कुल 954 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। यादव सिंह जब नोएडा अथॉरिटी में चीफ इंजीनियर थे। उस समय 5 प्राइवेट फर्म्स को कुल 116.39 करोड़ का टेंडर जारी हुआ था। सीबीआई इसी मामले में जांच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के साथ कही थी ये बात
अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने यादव सिंह को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में जमानत दी थी। साथ ही में कोर्ट ने सीबीआई को इस बात की छूट दी थी कि अगर यादव सबूत के साथ छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करें तो वो जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकती है। इस पर सीबीआई ने कहा था कि यादव जमानत पर रिहा किया गया तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।