70 साल बाद नए साल पर रामलला को लगा 56 भोग, पहले से दोगुना हुआ चढ़ावा

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नए साल पर विराजमान रामलला को 56 तरह के फल-मेवे और पकवान का भोग लगा। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहते हैं, रामलला को हर साल 56 भोग का प्रसाद चढ़ता है, लेकिन इस साल (2020) के पहले दिन यह भोग चढ़ना और भी खास हो गया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 5:19 AM IST / Updated: Jan 02 2020, 10:51 AM IST

अयोध्या (Uttar Pradesh). सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नए साल पर विराजमान रामलला को 56 तरह के फल-मेवे और पकवान का भोग लगा। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहते हैं, रामलला को हर साल 56 भोग का प्रसाद चढ़ता है, लेकिन इस साल (2020) के पहले दिन यह भोग चढ़ना और भी खास हो गया। रामलला को जल्द ही नया घर मिलने वाला है। इसी खुशी में नए साल पर उन्हें यह प्रसाद चढ़ाया गया। जिसे बाद में भक्तों में बांट दिया गया।

पहले से दोगुना हुआ चढ़ावा
जानकारी के मुताबिक, हर साल के मुकाबले इस साल 2020 के पहले दिन रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करने करीब 70 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची। शहर के सभी होटल और धर्मशाला 2 दिन पहले ही फुल हो गए थे। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में रोज करीब 18 हजार लोग आ रहे हैं। पहले ये संख्या 10-12 हजार होती थी। वहीं, हर 15 दिन में खोली जाने वाली दानपेटी में चढ़ावा भी पहले से दोगुना होकर 6 लाख रुपए तक पहुंच गया है। 

100 एकड़ में होगा श्रीरामलला विराजमाल शहर का दायरा
बता दें, 9 फरवरी के पहले ही केंद्र सरकार राममंदिर ट्रस्ट का गठन कर देगी। जिसके बाद इसी साल 2 अप्रैल पर मंदिर निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। श्रीरामलला विराजमान शहर के नए स्वरूप, ढांचागत सुविधाओं का खाका तैयार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अफसरों की टीम कई बार अयोध्या का दौरा कर चुकी है। टीम के एक अफसर ने बताया, श्रीरामलला विराजमान शहर का दायरा 100 एकड़ में होगा। आसपास के राजस्व ग्राम भी जुड़ जाएंगे। तिरुपति और वेटिकन की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा। अयोध्या में 9 प्लेटफॉर्म वाला नया स्टेशन बनाने की योजना है। 

कुछ ऐसे होगा राम मंदिर का निर्माण
नए राम मंदिर में पुराने मंदिर की झलक मिलेगी। 12वीं सदी में विक्रमादित्य ने यहां भव्य राम मंदिर बनवाया था। इसके अवशेष खुदाई में मिले। फर्श का हिस्सा अभी भी मौजूद है, जिसे नए राम मंदिर के निर्माण में प्रयोग किया जाएगा। मंदिर में लेजर शो से रामचरित्र का बखान होगा। परिसर में ही म्यूजियम बनेगा, जिसमें मंदिर के पौराणिक अवशेष संरक्षित रखे जाएंगे। इसके प्रसादालय की राम रसोई में लंगर चलेगा। मंदिर परिसर में ही शेषावतार मंदिर भी बनेगा।

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