छत्तीसगढ़ से गोरखपुर के वृद्धा आश्रम पहुंचे एक व्यापारी से बाइक सवार चार बदमाशों ने लूट जैसी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। घटना के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ पैर फूल गए। पुलिस ने बताया कि प्राप्त हुई तहरीर के आधार पर छानबीन चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सक्त कानून व्यवस्था के बड़े-बड़े दावों के बीच लूटपाट जैसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसके चलते यूपी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होना शुरू हो गए हैं। ताजा मामला यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) से सामने आया, जहां छत्तीसगढ़ से गोरखपुर के वृद्धा आश्रम पहुंचे एक व्यापारी से बाइक सवार चार बदमाशों ने लूट जैसी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। घटना के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ पैर फूल गए। पुलिस ने बताया कि प्राप्त हुई तहरीर के आधार पर छानबीन चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
वृद्धा आश्रम में दान करने पहुंचा था व्यापारी
छत्तीसगढ़ के दुर्ग महावीर कॉलोनी के रहने वाले व्यापारी प्रसन्ना जैन ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि रमायन सिंह नाम के एक संयासी ने वृद्धा आश्रम में 11 लाख रुपए लेकर आने को कहा था। लेकिन प्रसन्ना जैन आठ लाख रुपए ही लेकर आए थे। प्रसन्ना जैन ने पुलिस को बताया कि फोन पर रमायन सिंह ने व्यापारी को कैंपियरगंज बुलाया और कैंपियरगंज ओवरब्रिज के नीचे व्यापारी से सरदार नाम का व्यक्ति मिला। इसके बाद व्यापारी को सरदार नामक व्यक्ति मरचाहे कुटी ले लिया।
महंत से मिलवाने ले जा रहा था अंजान शख्स, हो गई लूट
व्यापारी प्रसन्ना जैन बताते हैं कि सरदार उन्हें मरचाहे कुटी ले जाने के बाद मंदिर में पूजा दर्शन करवाया। उसके बाद महंत से मिलवाने के नाम पर उन्हें आश्रम की ओर पैदल ले जाने लगा। इसके कुछ ही देर बाद बाइक सवार चार बदमाश आए और व्यापारी के हाथ से आठ लाख का भरा बैग ले के फरार हो गये और उन्हीं के साथ सरदार नामक व्यक्ति भी फरार हो गया।
संयासी को धार्मिक कार्यों के लिए अक्सर चंदा भेजता था व्यापारी
पुलिस को दी गई तहरीर में व्यापारी ने बताया कि तीन माह पहले दुर्ग रेलवे स्टेशन पर उनकी मुलाकात देवरिया के पथरदेवा इलाके के नौगांवा निवासी रमायन सिंह से हुई। उस समय रमायन सिंह सन्यासी की वेशभूषा में था। इतना ही नहीं बातचीत से भी वह पुजारी ही लग रहा था। जिसके बाद हम दोनों में निरंतर बात होती रही और व्यापारी पसन्ना जैन उसे कई बार धार्मिक कार्यों के लिए चंदा भी भेजते रहते थे। वहीं कुछ समय पहले मंदिर निर्माण के नाम पर रमायन सिंह ने प्रसन्ना जैन से दो लाख नब्बे हजार अपने अकाउंट में मागे थे। इस मामले में थाना प्रभारी रंजीत सिंह ने कहा कि तहरीर मिली है, छानबीन चल रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।