पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के स्टेशन की स्वछता रैकिंग गिरी, हर माह सफाई में खर्च होते हैं 20 लाख रुपये

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रेलवे स्टेशन कैंट की स्वछता रैकिंग नीचे गिर गयी है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार किए गए सर्वे में स्वछता रैकिंग पूरे 17 पायदान नीचे गिर गयी है। ये स्टेशन टॉप 100 में जरूर शामिल है लेकिन पिछले वर्ष इसकी रैकिंग 69वीं थी। इस बार 17 पायदान नीचे खिसककर ये 86 पर पहुँच गयी है। इसे लेकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
 

वाराणसी (UTTAR PRADESH ). पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रेलवे स्टेशन कैंट की स्वछता रैकिंग नीचे गिर गयी है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार किए गए सर्वे में स्वछता रैकिंग पूरे 17 पायदान नीचे गिर गयी है। ये स्टेशन टॉप 100 में जरूर शामिल है लेकिन पिछले वर्ष इसकी रैकिंग 69वीं थी। इस बार 17 पायदान नीचे खिसककर ये 86 पर पहुँच गयी है। इसे लेकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

गौरतलब है कि  क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्वच्छता सर्वे के आधार पर देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों की रैकिंग जारी की है। इसमें वाराणसी कैंट स्टेशन की रैकिंग पिछले साल के मुकाबले 17 पायदान नीचे खिसक की गई है। हालांकि  जारी हुई रैकिंग मे वाराणसी का कैंट रेलवे स्टेशन अब भी टॉप 100 में जगह बरकरार रखे हुए है। सूत्रों की माने तो वाराणसी कैंट स्टेशन की सफाई व्यवस्था में हर महीने करीब 20 लाख रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद भी रैकिंग गिरना अधिकारियों के लिए चिंता का सबब बन गया है। 

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पीएम से सीएम तक सभी का केंद्र है वाराणसी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी सभी का केंद्र बिंदु है। पीएम से लेकर सीएम तक , रेल मंत्री से लेकर रेलवे चेयरमैन तक सभी की उपलब्धता यहां काफी अधिक रहती है। बावजूद इसके स्टेशन की रैकिंग स्वछता सर्वेक्षण में नीचे गिरना काफी हद तक आश्चर्य वाला है। 

यात्री सुविधाओं में कमी बनी रैकिंग में पिछड़ने का कारण  
कैंट स्टेशन के स्वच्छता सर्वें में पिछड़ने का मुख्य कारण यात्रियों के फीडबैक में नकारात्मकता की बढ़ोत्तरी है। नए यात्री हाल में व्यवस्थाएं न बढ़ाना भी रैकिंग में आई गिरावट का मुख्य कारण है। नए हाल में मूलभूत सुविधाएं न होने से सारी भीड़ मुख्य हाल, टिकट काउंटर हाल, प्लेटफार्म और फुट ओवरब्रिज पर रहती है। जिसके कारण सफाई व्यवस्था भी प्रभावित होती है। लेकिन इन सब कमियों को दूर करते हुए अब अफसरों के इस ओर सचेत होना पड़ेगा जिससे अगली रैकिंग में सुधार हो सके। 

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