विपिन रावत के नाम से जाना जाएगा मैनपुरी का सैनिक स्कूल, CM योगी ने किया बदलाव

Published : Jan 06, 2022, 05:35 PM ISTUpdated : Jan 06, 2022, 05:36 PM IST
विपिन रावत के नाम से जाना जाएगा मैनपुरी का सैनिक स्कूल, CM योगी ने किया बदलाव

सार

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गुरुवार को किए गए ट्वीट के अनुसार, देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनरल बिपिन रावत की शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नाम जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल करने का निर्णय किया है।


मैनपुरी: तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin rawat) को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने बड़ा फैसला लिया। उन्होंने मैनपुरी (Mainpuri) में स्थित सैनिक स्कूल का नाम बदलकर शहीद बिपिन रावत के नाम पर करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर दी गई। ऐसा करने का उद्देश्य युवाओं को प्रेरणा देना है।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गुरुवार को किए गए ट्वीट के अनुसार, देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनरल बिपिन रावत की शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नाम जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल करने का निर्णय किया है। सीएम योगी ने ट्वीट किया कि मां भारती के अमर सपूत, देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नाम 'जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल' किया गया है।

हेलीकॉप्टर हादसे में 14 लोग हुए थे शहीद 

आपको बता दें कि बीते 8 दिसंबर को  तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में कुल 14 लोग शहीद हुए थे। जिसमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat), उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर (Defense Advisors Brigadier L S Lidder), लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह (Lt Col Harjinder Singh ) और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) शामिल थे। मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल की शुरुआत एक अप्रैल 2019 को हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार और रक्षा मंत्रालय के बीच 30 अप्रैल 2015 को हुए एक समझौते के आधार पर इस स्कूल की स्थापना की गई थी।

मौसम की खराबी माना गया हादसे की वजह
इस हादसे की जांच त्रिस्तरीय जांच समिति कर रही थी। माना गया कि इस हादसे के पीछे मौसम की खराबी रहा। हालांकि अभी इस रिपोर्ट पर सरकार का बयान आना बाकी है। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में यह जांच की गई। इसमें जिम्मेदार संभावित मानवीय गलतियों सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया था। सूत्रों के अनुसार दुर्घटना की वजह घने जंगल, पहाड़ी इलाका और लो-विजिबिलिटी माना जा रहा है। लो-विजिबिलिटी के चलते हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। वहीं, लैंडिंग पॉइंट से वो कुछ ही दूरी पर था, इस कारण से भी वो निचाई पर उड़ रहा था। इस वजह से क्रैश लैंडिंग हुई। चूंकि हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी थे, इसलिए मानवीय गलती की आशंका नहीं थी। हेलिकॉप्टर में दो इंजन थे। इसलिए इंजन फेल होने की वजह से भी हादसा नहीं हो सकता था।

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