सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा ने हजारों वर्ष पहले याचना की थी कि मैं मणिकर्णिका में ही उलझकर ना रहूं, मैं शिव का सानिध्य प्राप्त करूं। उस वक्त बाबा भैरव नाथ ने उन्हें बोला था कि इस सानिध्य के कारण बाबा विश्वनाथ की साधना में विघ्न ना पैदा हो। बाबा कालभैरव इसका आश्वासन चाहते थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से मां गंगा को बाबा का सानिध्य प्राप्त हो गया है।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath) का लोकार्पण करने पहुंच रहे हैं। वहीं, रविवार को वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्ष पहले मां गंगा की कामना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरा करने का काम किया है।
सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा ने हजारों वर्ष पहले याचना की थी कि मैं मणिकर्णिका में ही उलझकर ना रहूं, मैं शिव का सानिध्य प्राप्त करूं। उस वक्त बाबा भैरव नाथ ने उन्हें बोला था कि इस सानिध्य के कारण बाबा विश्वनाथ की साधना में विघ्न ना पैदा हो। बाबा कालभैरव इसका आश्वासन चाहते थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से मां गंगा को बाबा का सानिध्य प्राप्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में कहा था कि मुझे गंगा मइया ने बुलाया है, तो शायद मां गंगा ये महान कार्य उनके माध्यम से कराना चाहती थीं।
हजारों साल बाद विश्वनाथ धाम का होने जा रहा लोकार्पण
उन्होंने कहा कि 1000 वर्ष के बाद काशी में बाबा विश्वनाथ का ये पावन मंदिर एक नये धाम के रूप में देश और दुनिया के सामने आ रहा है। देश के प्रधानमंत्री के कर कमलों से उन्ही की परिकल्पना के अनुरूप, उन्हीं के मार्गदशन में तथा उन्ही की प्रेरणा से काशी विश्वनाथ धाम पूर्ण होकर कल लोकार्पित होगा। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद और कृपा से एक तय समय सीमा के अंर्तगत काशी को वैश्विक पहचान देने के लिये तैयार हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 100 वर्ष पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1916 में बीएचयू के उद्घाटन कार्यक्रम में आये थे। उस वक्त यहां की गलियों और दुर्व्यवस्था पर उन्होंने टिप्पणी की थी, मगर बीते 100 साल में भी उनकी उस टिप्पणी पर किसी का ध्यान नहीं गया था। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी आये थे, उस वक्त उनके मुख से निकले शब्द कि मुझे तो गंगा मइया ने बुलाया है, आज सच साबित हो रहा है। पीएम को मां गंगा ने ही बुलाया था।
पीएम मोदी सबसे पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद धाम के लोकार्पण के बाद मंदिर चौक में संत-महात्माओं व गणमान्य लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान श्रीश्री रविशंकर, बाबा रामदेव, साध्वी ऋतंभरा समेत 500 से ज्यादा बड़े संत- महात्मा की विशेष मौजूदगी होगी। संबोधन के बाद पीएम संत-महात्माओं से मुलाकात करेंगे, धाम के एक-एक भवन की सुंदरता व गुणवत्ता निहारेंगे। वह मंदिर परिसर के इम्पोरियम में बाबा का भोग प्रसाद भी ग्रहण करेंगे। धाम के निर्माण में लगे मजदूरों संग फोटो खिंचवाकर सबका साथ सबका विकास का संदेश देंगे।
2 वर्ष 9 महीने और 9 दिन में हुआ धाम का निर्माण
काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 मार्च 2019 को किया था। अब 13 दिसम्बर को लोकार्पण करने पहुंच रहे है। 445 करोड़ रुपये की परियोजना को रिकॉर्ड समय दो वर्ष 9 माह नौ दिन पूरा किया गया है। निर्माण के लिए 320 भवनों को क्रय किया गया। जिसमें 498 करोड़ रुपये लागत आयी थी।
पीएम क्रूज से गंगा आरती देखेंगे
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार की शाम क्रूज से गंगा में भ्रमण कर अर्द्धचंद्राकार घाटों की अविरल छटा निहारेंगे। दशाश्वमेध घाट के सामने रुककर गंगा आरती भी देखेंगे। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भाजपा शासित 11 प्रदेशों के मुख्यमंत्री व 9 डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पीएम के स्वागत में घाटों पर देव-दीपावली की तर्ज पर दीपोत्सव होगा। लेजर शो व इलेक्ट्रिक आतिशबाजी की जाएगी। वहीं, शहर के अंदर के चौराहों, सड़कों व भवनों को झालरों से सजाया गया है।
10 प्वाइंट्स में समझिए श्रद्धालुओं के लिए विश्वनाथ धाम में नई सुविधाएं, जानें क्या किए गए बड़े बदलाव