अयोध्या में प्रवेश करते ही नजर आएंगे रामायण काल के कलरफुल प्लांट, बंदर और तितलियों के लिए भी बनेगा आशियाना

अयोध्या में ग्रीन कवर प्रोजेक्ट की परिकल्पना को लेकर काम शुरू हो गया है। इस बीच रामायण काल के पेड़ अयोध्या में रोपित किए जाएंगे। इसी के साथ ही बंदरों और तितलियों के लिए आशियाना बनाने की तैयारी भी चल रही है। 

अनुराग शुक्ला

अयोध्या: वैदिक ग्रथों का शोध कर अयोध्या में ग्रीन कवर प्रोजेक्ट की परिकल्पना को लेकर काम शुरू हो गया है। पूरी रामनगरी में हरियाली दिखे इसके लिए 80 साइट चिन्हित की गई है। जहां पेड़ो को लगाकर वनों का निर्माण किया जाएगा। ये पेड़ रामायण काल के होंगे, जिनका डेटा कलेक्ट कर रोपित किया जा रहा है। प्रोजेक्ट पर फ्री ऑफ कॉस्ट काम कर रहे फॉरेस्ट मैन आफ इंडिया प्रदीप त्रिपाठी के मुताबिक वाल्मीकि रामायण, वन संहिता, दक्षिणा आयुर्वेदा आदि किताबो पर शोध करके ये काम शुरू किया गया है। अभी तक इन्होंने मुम्बई, दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु हैदराबाद गुजरात मध्य प्रदेश चेन्नई औरंगाबाद और जयपुर सहित 20 से 25 शहरों में वन बनाने का काम किया है। नवी मुम्बई में 1 लाख 25 हजार पेड़ लगाकर अर्बन फारेस्ट बनाया है। 

Latest Videos

तैयार की गई 182 प्राचीन पेड़ो की सूची
प्रदीप त्रिपाठी के मुताबिक विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व नगर आयुक्त विशाल सिंह के कहने पर अयोध्या में वैदिक प्लांटेशन पर पहला शोध शुरू हुआ है। वाल्मीकि रामायण से 182 पेड़ो की सूची तैयार की गई है। चित्रकूट में भगवान राम ने 12 वर्ष मधुर वन में बिताए। इसी के साथ पंचवटी, दंडकारण्य, किष्किंधा, श्रीलंका और अशोक वाटिका का डेटा कलेक्ट कर देव वन और देवराई वन बनाया गया है। रामायण काल में जिन पेड़ों का वर्णन मिलता है उनका प्लांटेशन यहां किया जा रहा है। साथ ही नक्षत्र वन, राशिवन, वटरफ्लाई गार्डन बनाने पर काम चल रहा है। इसके लिए स्कूली छात्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्हें पेड़ो को भगवान से जोड़कर उनका महत्व बताया जा रहा है।

अयोध्या में घुसते ही दिखेंगे कलरफुल प्लांट
उन्होंने बताया अयोध्या में घुसते ही सहादतगंज बाईपास पर कलरफुल प्लांटेशन किया जा रहा है। यह पेड़ हर सीजन में कलर बदलते रहेंगे। साकेत पुरी के ग्राउंड ,जनौरा बाईपास साईं दाता कुटिया पर सवा दो हजार पेड़ का देवराई वन लगाया गया है, साथ ही सूर्यकुंड, तुलसी उद्यान पार्क, राजद्वार पार्क, नगर निगम के जितने भी पार्क में वहां पर भी पेड़ों को लगाने का काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया अयोध्या बाईपास से ही श्रद्धालुओं को आने वाले दिनों में अयोध्या के 6 प्रवेश द्वारों पर हरियाली दिखने लगेगी साथ टेंपरेचर के कम होने का एहसास करके श्रद्धालु सोचेंगे रामायण काल में इसी तरह का नगर भगवान राम का रहा होगा। उन्होंने बताया देश में मुंबई दिल्ली बेंगलुरु में पेड़ों की जनगणना होती है लेकिन यूपी में यह काम अयोध्या से शुरू हो रहा है। पुराने और नए पेड़ों का डाटा तैयार कराया जा रहा है ।मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करते ही पूरी हिस्ट्री सामने आ जाएगी। उन्होंने बताया पेड़ों को लगाने की दिशा सहित कई अन्य जानकारियां भी उसमें समाहित होंगी।

10 और 20 एकड़ में बनेगा बंदरों का फूड फारेस्ट और तितलियों के लिए आशियाना
प्रदीप त्रिपाठी ने बताया अयोध्या में बंदरों की संख्या ज्यादा है और शारीरिक रूप से स्वस्थ भी नहीं है। क्योंकि उन्हें हेल्थी फूड नहीं मिल रहा है। यह शहर के बंदर है जिनकी ब्रीड जंगली नहीं है। उन्होंने बताया इसके लिए 10 एकड़ और 20 एकड़ की जगह तलाशी जा रही है। जहां ऑल सीजन फूड फॉरेस्ट बनाया जाएगा। फलों के जंगल में हर सीजन में फल होंगे और इंसानों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा। इससे शहर में बंदर भी कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा इसी के साथ इस तरह के पेड़ लगाए जा रहे हैं जिसमें तितलियों की संख्या ज्यादा से ज्यादा संख्या में बढ़े जिससे श्रद्धालु इन स्थानों पर जाए तो उनके चेहरों से तितलियां टकराए और उन्हें अच्छी फीलिंग महसूस हो।

अयोध्या: सरयू तट के किनारे श्रीराम के पुत्र ने की थी नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना, पूरी होती है हर मनोकामना

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar