चुनाव में मिली हार के बाद कई प्रत्याशियों ने संगठन पर ही हार का ठीकरा फोड़ा और कहा कि कमजोर संगठन की वजह से ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ज्यादातर पदाधिकारी सिर्फ पैसों के चक्कर में पड़े रहे और उन्होंने जमीन पर उतरकर काम ही नहीं किया।
गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) के परिणाम सामने आने के बाद भी मनमुटाव का शिकार हुए कांग्रेस नेता एकजुट नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान (Nirmala Paswan) की ओर से चुनाव में हार को लेकर एक समीक्षा बैठक बुलाई गई। हालांकि इस समीक्षा बैठक में भी 9 में से 8 प्रत्याशी गायब रहें। इस तरह बैठक से नदारद रहे के पीछे की वजह बताई गई कि लखनऊ से वापस आए प्रत्याशी थक जाने की वजह से ही बैठक में नहीं पहुंचे। इस दौरान 20 से कुछ ही ब्लाक अध्यक्ष भी बैठक में पहुंचे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जैसे-जैसे प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होता गया वैसे-वैसे ही कांग्रेस नेताओं की नाराजगी भी सामने आती रही। इस दौरान कुछ पुराने नेताओं ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी सवाल खड़े किए। चुनाव के दौरान भी कई नेताओं की नाराजगी सामने आई और कई नेता पार्टी में शामिल हुए।
चुनाव में मिली हार के बाद कई प्रत्याशियों ने संगठन पर ही हार का ठीकरा फोड़ा और कहा कि कमजोर संगठन की वजह से ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ज्यादातर पदाधिकारी सिर्फ पैसों के चक्कर में पड़े रहे और उन्होंने जमीन पर उतरकर काम ही नहीं किया।
बैठक में जिलाध्यक्ष ने कहा न हो परेशान
बैठक में जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि कोई भी नेता या कार्यकर्ता हार से परेशान न हो। जीवन में हार जीत लगी ही रहती है। इससे निराश होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। नई ऊर्जा के साथ सभी नेता संगठन को मजबूत करने के लिए जुट जाए। वहीं जिलाध्यक्ष ने कहा कि जो भी न्याय पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष और प्रत्याशी नहीं आए थे उनसे टेलीफोन पर बात की गई है।
जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व मीडिया प्रभारी अनिल सोनकर ने सोनिया गांधी के फैसले का स्वागत किया जिसमें उन्होंने सभी अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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