विधानसभा चुनाव 2022 में इतिहास में पार्टी के सबसे निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता हार के कारणों की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। यद्यपि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लखनऊ आकर अलग से हार की समीक्षा करनी चाहिए और कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लेना चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) के परिणाम 10 मार्च को आ गए है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को प्रंचड बहुमत के साथ जीत हासिल की है। बहुजन समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की करारी हार के बाद जहां नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में इतिहास में पार्टी के सबसे निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता हार के कारणों की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। यद्यपि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लखनऊ आकर अलग से हार की समीक्षा करनी चाहिए और कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लेना चाहिए।
पार्टी के कई बड़े नेता अपने रिशतेदारों में रहे व्यस्त
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण में जिस तरह से कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर पैराशूट से उतरे उम्मीदवारों पर पार्टी ने दांव लगाया। उससे कार्यकर्ताओं में भारी हताशा ही नहीं, कुंठा भी है। पार्टी के कई बड़े ओहदेदार अपने नातेदारों के चुनाव में ही व्यस्त रहे और दूसरे प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए निकले ही नहीं। कार्यकर्ताओं को इस बात का भी रंज है कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने ऐसी शर्मनाक हार के लिए सार्वजनिक रूप से नैतिक जिम्मेदारी लेने से परहेज किया। जबकि अतीत के कई ऐसे उदाहरण रहे हैं जब चुनावों में बेहतर प्रदर्शन न कर पाने पर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफा देने में तनिक भी देर नहीं की।
पार्टी के डिजिटल मीडिया के संयोजक ने भेजा था पत्र
कांग्रेस के डिजिटल मीडिया के संयोजक अंशू अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को भेजे अपने पत्र में उनसे पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करने का अनुरोध किया है। पत्र में उन्होंने प्रियंका से यह भी कहा है कि आपके आसपास मौजूद लोगों ने पार्टी का बड़ा नुकसान किया है। प्रदेश में पार्टी की यह हालत करने वालों की पारदर्शी समीक्षा हो और जो जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो।
कांग्रेस नेतृत्व पर की अभद्र टिप्पणी
जीशान हैदर के इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जीशान ने कांग्रेस नेतृत्व पर अभद्र टिप्पणी की है। यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। उधर, कांग्रेस के ही एक जिम्मेदार नेता ने नाम न छापने के अनुरोध के साथ कहा कि पर्दे के पीछे से प्रदेश कांग्रेस की कमान जिन हाथों में है, उन्हें नहीं हटाया गया तो बरसों से जुड़े कई अन्य नेता भी सार्वजनिक रूप से विरोध का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। जरूरी है कि हाईकमान शीघ्र ही समीक्षा कर निर्णय ले।
प्रियंका गांधी की टीम को बताया जेएनयू गैंग
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी उनका निष्कासन नहीं कर सकती है। उन्होंने प्रियंका गांधी की टीम को जेएनयू गैंग बताते हुए कहा कि इस टीम के सदस्यों को कांग्रेस के संविधान तक की जानकारी नहीं है। एआईसीसी सदस्य को राष्ट्रीय अध्यक्ष की संस्तुति के बाद ही बाहर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की किरकिरी कराने के लिए जेएनयू के पांच लोगों का गैंग बना हुआ है।