मरने से पहले 150 से अधिक लोगों के संपर्क में आया था कोरोना संक्रमित मरीज, पूरे इलाके में हड़कंप

कानपुर में एक  लापरवाही ने खलबली मचा दी है। कोरोना पॉजिटिव तब्लीगी जमातियों के संपर्क में रहने के बाद भी युवक ने न तो खुद को क्वारंटाइन किया और न ही प्रशासन को इसकी सूचना दी। वह गंभीर रूप से बीमार होने तक ऐसे सामान्य दिनों की तरह लोगों से मिलता-जुलता रहा। मामला तब संज्ञान में आया जब वह कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया और उसकी मौत हो गई।
कानपुर(Uttar Pradesh ).  कानपुर में एक  लापरवाही ने खलबली मचा दी है। कोरोना पॉजिटिव तब्लीगी जमातियों के संपर्क में रहने के बाद भी युवक ने न तो खुद को क्वारंटाइन किया और न ही प्रशासन को इसकी सूचना दी। वह गंभीर रूप से बीमार होने तक ऐसे सामान्य दिनों की तरह लोगों से मिलता-जुलता रहा। मामला तब संज्ञान में आया जब वह कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया और उसकी मौत हो गई। अब स्वास्थ्य विभाग ये पता लगा रहा कि जिन लोगों के सम्पर्क में ये मृतक कोरोना मरीज आया था वे अब तक कितने लोगों के संपर्क में आ चुके हैं। 

कानपुर के हैलट हॉस्पिटल में हाल ही में एक रेडीमेड कारोबारी की कोरोनावायरस से मौत हुई है। जिस कोरोना संक्रमित युवक की मौत हुई है, उसने अपने इलाज से संबंधित पूरी हिस्ट्री हैलट के डॉक्टरों को बताई थी। हैलट के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि युवक कई दिनों से बीमार था। उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट दी है। वह बीते रविवार से बीमार था, खुद उसने डॉक्टरों को बताया था। उसका पांच दिन से निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालत बिगड़ने पर पहले नर्सिग होम में भर्ती कराया फिर शुक्रवार शाम हैलट के लिए रेफर कर दिया। युवक ने डॉक्टरों को बताया था कि वह मुंबई के बाद दिल्ली भी गया था। युवक ने यह भी बताया था कि वह जमातियों के संपर्क में आ चुका है। उसे डायबिटीज भी था। इस दौरान वह 150 से अधिक लोगों के सम्पर्क में आ चुका था। 

जमातियों के साथ खाया था खाना 
एसएसपी अनंतदेव ने मीडिया को बताया कि निजामुद्दीन मरकज से आठ विदेशी और तीन भारतीय जमाती वहां से लौटने के बाद 14 से 18 मार्च तक अलग अलग मस्जिदों में रुके थे । जमाती पहले हलीम प्राइमरी वाली मस्जिद में रुके। यहां से कर्नलगंज की मस्जिद में आए फिर नौबस्ता की खैर मस्जिद होते हुए बाबूपुरवा की सुफ्फा मस्जिद में पहुंचकर ठहरे। जब ये जमाती कर्नलगंज की मस्जिद में रुके थे तो उनके खाने-पीने की व्यवस्था रेडीमेड कारोबारी ने की थी। यही नहीं उसने जमात के सदस्यों के साथ ही खाना भी खाया था।

मृतक कारोबारी के सम्पर्क में आए 28 परिजन भी क्वारंटाइन 
रेडीमेड कारोबारी की मौत व उसके कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि के बाद प्रशासन ने कारोबारी के सीधे सम्पर्क में आए 28 परिजनों को मंगलवार शाम को ही बीमा अस्पताल में क्वारंटाइन करा दिया। इसके अलावा उससे बातचीत में मिली जानकारी के अनुसार वह जहां जहां गया था, वहां भी संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है। 

पूरे इलाके में मचा हड़कंप 
रेडीमेड कारोबारी कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी लोगों से मिलता रहा। ऐसे में वह जितने भी लोगों से मिला था स्वास्थ्य विभाग उनकी जानकारी जुटा रहा है। यही नहीं उससे मिलने वाले लोग किन लोगों से मिले होंगे ये सोच कर सभी की नींद उड़ी हुई है। 

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